बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने CJI से किया अनुरोध, कहा-पोस्ट रिटायरमेंट किसी भी सरकारी पद को ग्रहण न करें
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बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने CJI से किया अनुरोध, कहा-पोस्ट रिटायरमेंट किसी भी सरकारी पद को ग्रहण न करें

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने निवर्तमान हो रहे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर पोस्ट रिटायरमेंट किसी भी सरकारी पद को ग्रहण नहीं करने का अनुरोध किया है. 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा आगामी दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं..(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने निवर्तमान हो रहे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर पोस्ट रिटायरमेंट किसी भी सरकारी पद को ग्रहण नहीं करने का अनुरोध किया है. पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस चेलामेश्वर ने अपने रिटायरमेंट के पहले ही किसी भी तरह का सरकारी पद ग्रहण नहीं करने की घोषणा कर दी थी और जिसे वो निभा भी रहे हैं.

वर्तमान जज जस्टिस कुरियन जोसेफ इसी तरह घोषणा पहले ही कर चुके हैं. जस्टिस दीपक मिश्रा को भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बचाए रखने की इस मुहिम को आगे बढ़ाना चाहिए. इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट और सभी हाई कोर्ट के जजों से भी अनुरोध किया है कि वे रिटायरमेंट के बाद कम से कम 2 साल तक किसी भी सरकारी पद को ग्रहण न करे.

दरअसल, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा आगामी दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन महात्मा गांधी की जयंती पर अवकाश होने के कारण चीफ जस्टिस मिश्रा का आखिरी कार्यदिवस एक अक्टूबर तक ही रहेगा जिसके बाद जस्टिस रंजन गोगोई को आगामी तीन अक्टूबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाएंगे.आपको बता दें कि भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब देश की सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कांफ्रेंस की थी और देश की जनता के सामने अपनी बात रखी थी. इन जजों में जस्टिस गोगोई भी शामिल थे.जजों ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. 

इससे पहले जस्टिस चेलामेश्वर (अब सेवानिवृत्त) ने हार्वर्ड क्लब नामक संस्था के कार्यक्रम में कहा था कि वो सेवानिवृत होने के बाद वह सरकार से कोई पद (नियुक्ति) नहीं लेंगे. उन्होंने कहा था कि मैं इसके खिलाफ हूं. इसलिए वो रिटायर होने के बाद किसी भी सरकारी पद को ग्रहण नहीं करेंगे.गौरतलब है कि जस्टिस चेलमेश्वर समेत चार सीनियर जजों द्वारा 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेस कर अदालत के कामकाज पर असतुंष्टि और चिंता जाहिर की थी. जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा था कि आज हम इसलिए सामने आए कि आज से 20 साल बाद कोई यह न कह दे कि क्या इन चार जजों ने अपनी अंतरात्मा बेच दी थी.

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