असम में दो लोगों की मौत के साथ क्षेत्र में बाढ़ जनित घटनाओं में कुल 25 लोगों की मौत हो चुकी है.
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गुवाहाटी/अगरतला/एजल/इंफाल: असम को छोड़कर बाकी पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की स्थिति में सोमवार को सुधार हुआ. असम में दो लोगों की मौत के साथ क्षेत्र में बाढ़ जनित घटनाओं में कुल 25 लोगों की मौत हो चुकी है. मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर में जलस्तर घट रहा है जबकि असम के छह प्रभावित जिले में बाढ़ की समस्या और विकराल हो गयी है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने आज बताया कि असम की बराक घाटी में कछार और हैलाकांडी में दो लोगों की मौत के साथ कुल 14 लोगों की मौत हो चुकी है.
सबसे ज्यादा करीमगंज जिला प्रभावित हुआ है. मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने प्रशासन से बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने को कहा है. राज्य में कुल 437 राहत कैंप बनाए गए हैं जहां 1,59,652 लोगों ने शरण ली है. बाढ़ की वजह से 2,186 हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो चुकी है. बाढ़ से प्रभावित त्रिपुरा में स्थिति में कुछ सुधार हुआ है.
अधिकारियों ने बताया कि सभी बड़ी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे बह रहा है. सबसे ज्यादा प्रभावित उनाकोटी के जिला मजिस्ट्रेट डी दरलोंग ने बताया, “राहत सेवाएं, भोजन और दवाइयां पहुंचाने का काम अब पूरी गति में है. हम स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं.”
उन्होंने बताया कि उनाकोटी जिले में करीब 72,000 लोग अब भी राहत शिविरों में रह रहे हैं. बाढ़ के चलते त्रिपुरा में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी पी जे शर्मा ने बताया कि लुमडिंग-बदरपुर और बदरपुर-अगरतला खंड पर नियमित यात्री ट्रेन सेवा बहाल हो गई है. विभिन्न स्थानों पर सड़क पर भूस्खलन और रेलवे लाइनों के डूबे होने के कारण त्रिपुरा और असम का एक हिस्सा 13 जून से ही बाकी देश से कटा हुआ है . मिजोरम में तीन नदियों में जलस्तर घटने से स्थिति में सुधार हुआ है. मणिपुर में भी हालात ठीक हुए हैं. इंफाल घाटी में अधिकतर नदियां खतरे के स्तर से नीचे बह रही हैं.