Trending Photos
Beating Retreat 2022: गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के प्रतीक के रूप में होने वाला ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह इस बार नई छाप छोड़ गया. इस बार ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह मे पहली बार 1,000 स्वदेशी ड्रोन से आसमान को जगमग किया गया. ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत इस समारोह की अवधारणा, डिजाइन और कोरियोग्राफी की गई.
अपने घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ समारोह स्थल पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने किया. इसके बाद तीनों सेनाओं के संयुक्त दस्ते ने राष्ट्रपति को सलामी दी. इसके साथ ही इस साल की बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी शुरू हो गई.
समारोह में 10 मिनट के ड्रोन लाइट शो के जरिए आकाश में 75 सरकारी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया. इसके अलावा मेक इन इंडिया, आजादी का अमृत महोत्सव जैसे अभियानों को ड्रोन के जरिए आसमान में दर्शाया गया. बीटिंग द रिट्रीट समारोह में पहली बार लेजर शो का आयोजन किया गया.
भारतीय उत्साह के साथ मार्शल संगीत की धुनें इस साल समारोह की खास रही. भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बैंड ने कुल 26 धुने बजाईं. इनकी शुरुआत ‘वीर सैनिक’ की धुन बजाते हुए मास बैंड से हुई. इसके बाद पाइप्स एंड ड्रम बैंड, सीएपीएफ बैंड, एयर फोर्स बैंड, नेवल बैंड, आर्मी मिलिट्री बैंड और मास बैंड ने धुनें बजाईं. समारोह के मुख्य कंडक्टर कमांडर विजय चार्ल्स डी’ क्रूज रहे.
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए समारोह में कई नई धुनें जोड़ी गईं. इनमें ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’ और ‘ऐ मेरे वतन के लोग’ शामिल हैं. इस कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा…’ लोकप्रिय धुन के साथ हुआ.
इस साल के ‘बीटिंग द रिट्रीट’ का प्रमुख आकर्षण नया ड्रोन शो रहा, जिसे आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में समारोह का हिस्सा बनाया गया. ड्रोन शो का आयोजन स्टार्टअप ‘बोटलैब डायनेमिक्स’ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से हुआ.
दस मिनट के शो में 1,000 स्वदेशी ड्रोन शामिल हुए. ड्रोन शो के दौरान सिंक्रोनाइज्ड बैकग्राउंड म्यूजिक भी बजाया गया. समारोह के अंत से पहले स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी हुआ. लगभग 3-4 मिनट की अवधि के इस शो को नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की दीवारों पर प्रदर्शित किया गया.
गणतंत्र दिवस परेड की तरह ही इस बार ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह के लिए पर्यावरण के अनुकूल निमंत्रण पत्र तैयार किए गए. कार्ड को अश्वगंधा, एलोवेरा और आंवला के औषधीय पौधों के बीजों से तैयार किया गया. लोगों को इसे अपने बगीचों, फूलों के गमलों में लगाने और सदियों पुराने औषधीय लाभों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
ये भी पढ़ें- 26 जनवरी पर इस बार परंपराओं में बदलाव, जानिए राजपथ पर आज क्या होगा खास?
‘बीटिंग द रिट्रीट’ उस समय से सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है, जब सूर्यास्त के समय बिगुलरों के पीछे हटने की आवाज देते ही सैनिक अपने हथियार बंद करके युद्ध से अलग हो जाते थे. यही कारण है कि पीछे हटने की आवाज के दौरान अभी भी खड़े होने की प्रथा आज तक बरकरार रखी गई है. रंग और मानक आवरण वाले झंडे सैनिकों के पीछे हटने पर उतारे जाते हैं.
ड्रमबीट्स उन दिनों को याद करते हैं जब शाम को नियत समय पर कस्बों और शहरों में सैनिकों को उनके क्वार्टर में वापस बुला लिया जाता था. इन सैन्य परंपराओं के आधार पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह बीते समय की पुरानी यादों का माहौल बनाता है.
LIVE TV