तो क्या नीतीश कुमार को पहले से थी लालू पर सीबीआई की छापेमारी की जानकारी?
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तो क्या नीतीश कुमार को पहले से थी लालू पर सीबीआई की छापेमारी की जानकारी?

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कल (शुक्रवार) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के आवासों पर छापेमारी की थी. छापेमारी लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को एक निजी कंपनी को लीज पर देने के मामले में कथित अनियमितता को लेकर की गई. जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए.

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने इस रिपोर्ट को गलत बताया है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कल (शुक्रवार) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के आवासों पर छापेमारी की थी. छापेमारी लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को एक निजी कंपनी को लीज पर देने के मामले में कथित अनियमितता को लेकर की गई. जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए.

सीबीआई को था कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का डर

दैनिक हिंदी अखबार 'हिन्दुस्तान' में प्रकाशित एक खबर के अनुसार सीबीआई को इस बात का डर था कि छापेमारी के दौरान बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है. इसलिए सीबीआई ने प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) से गुजारिश की कि वे बिहार सरकार को इस बारे में सूचित कर दें कि लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी की प्रॉपर्टी और घर पर छापेमारी होने वाली है. 

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'पीएमओ ने नीतीश कुमार को किया था फोन'

रिपोर्ट्स के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने गुरुवार देर रात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन पर कर बताया कि सीबीआई सरकार में उनके सहयोगी दल आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के ठिकानों पर छापेमारी करने वाली है. इस मामले में बिहार के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीएमओ से इशारा मिलने की पुष्टि की है. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें हिंसक प्रदर्शन को कंट्रोल करने के लिए तैयार रहने को कहा गया था. राज्य के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, 'गुरुवार की देर रात मुझे तैयार रहने को कहा गया. कोई कारण नहीं बताया गया लेकिन सुरक्षा प्रबंधन की समीक्षा करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैयार रहने को कहा गया.'

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जेडीयू ने इस मामले को गलत बताया

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने इस रिपोर्ट को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस तरह की कोई जानकारी नहीं थी. यह सिर्फ सीएम नीतीश को बदनाम करने की साजिश है. सीएम की तबीयत खराब है, जिस वजह से वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते.

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करीब एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी

शुक्रवार को सीबीआई के कई अधिकारियों ने दिल्ली, गुरुग्राम, पटना, रांची और भुवनेश्वर में लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के आवासों सहित करीब एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की. सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक राकेश अस्थाना ने कहा कि लालू ने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए कथित तौर पर इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के माध्यम से सुजाता होटल को अवैध सुविधाएं दीं. अस्थाना ने कहा कि रांची व पुरी में होटलों के विकास, रखरखाव तथा संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया में छेड़छाड़ की गई और निजी कंपनी को रियायत दी गई. ऐसा पटना में तीन एकड़ भूखंड के बदले किया गया, जिस पर एक मॉल का निर्माण हो रहा है.

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राजद ने केंद्र पर साधा निशाना

राजद के बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र पुरबे ने कहा कि जब से लालू प्रसाद ने पटना में 27 अगस्त को 'देश बचाओ, भाजपा हटाओ रैली' करने की घोषणा की है तब से ही केंद्र ने उनके चारों ओर फंदा कसना शुरू कर दिया है. पुरबे ने कहा, 'सीबीआई की कार्यवाही केंद्र सरकार के इशारे पर की जा रही है. यह केंद्र सरकार की उन लोगों के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से की गई कार्रवाई है जो लोकतांत्रितक मूल्यों की रक्षा करने के लिए बोलते हैं.' 

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बीजेपी ने उठाए नीतीश की चुप्पी पर सवाल

वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने सीबीआई के छापों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि प्रशासन ने पूर्व में अन्य मामलों में राजद नेताओं के खिलाफ कार्वाई के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की हिंसक गतिविधियों पर विचार करते हुए ऐसा किया होगा.

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