यमुना एक्सप्रेस वे पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के काफिले के साथ हुए सड़क हादसे में एक नया मोड़ आ गया है। मामले में दर्ज एफआईआर में पीड़ित परिवार ने केंद्रीय मंत्री पर हादसे के बाद घायलों को उनकी हालत पर छोड़ देने का आरोप लगाया है।
Trending Photos
नई दिल्ली/आगरा : यमुना एक्सप्रेस वे पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के काफिले के साथ हुए सड़क हादसे में एक नया मोड़ आ गया है। मामले में दर्ज एफआईआर में पीड़ित परिवार ने केंद्रीय मंत्री पर हादसे के बाद घायलों को उनकी हालत पर छोड़ देने का आरोप लगाया है।
इस हादसे में आगरा के एक डॉक्टर रमेश नागर की मौत हो गई थी। एक्सप्रेस वे पर ईरानी के काफिले में शामिल एक कार से नागर की बाइक की कथित रूप से भिड़ंत हो गई थी। मामले में दायर एफआईआर में ईरानी के काफिले का जिक्र भी किया गया है। हादसे में नागर की मौत हो गई थी जबिक बाइक पर सवार दो अन्य बच्चों जख्मी हुए थे।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नागर के परिवार ने आरोप लगाया है कि नागर की बेटी और भतीजे को दुर्घटना के सात घंटे के बाद उचित इलाज मिल सका।
पीड़ित की लड़की ने एएनआई से कहा, 'स्मृति ईरानी के काफिले ने हमारी मोटरसाइकिल में टक्कर मारी। ईरानी अपनी कार से बाहर आईं। मैंने उनसे मदद की गुहार लगाई लेकिन वह हमें छोड़कर चली गईं।'
Agra: Smriti Irani's convoy rammed into our car,she came out,I begged her for help but she left-Daughter of victim pic.twitter.com/d04zWUvuIO
— ANI (@ANI_news) March 7, 2016
नागर के बेटे अभिषेक ने समाचार एजेंसी से कहा, 'मेरी बहन ने मदद के लिए हाथ जोड़कर स्मृति ईरानी से विनती की लेकिन वह चली गईं।' एफआईआर दर्ज कराने वाले अभिषेक ने इसके पहले कहा था कि केंद्रीय मंत्री ने पीड़ितों की मदद नहीं की और पुलिस ने घायल बच्चों को अस्पताल पहुंचाया।
My sister literally pleaded with folded hands to Smriti Irani for help,but she did not stop-Abhishek,son of victim pic.twitter.com/ez7Mgi6zaf
— ANI (@ANI_news) March 7, 2016
इस बीच एचआरडी मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'बाइक को कथित रूप से टक्कर मारने वाला एक निजी वाहन था। इसका एचआरडी मंत्री के काफिले से कोई लेना-देना नहीं है।' साथ ही यह भी कहा गया है कि चोट लगने के बावजूद ईरानी कार से उतरीं और उन्होंने खुद एसएसपी को फोन करके एंबुलेंस भेजने को कहा।