सहारनपुर जातीय हिंसा का मास्टमाइंड और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण गिरफ्तार
Advertisement

सहारनपुर जातीय हिंसा का मास्टमाइंड और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पिछले दिनों भड़की जातीय हिंसा के आरोपी भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को राज्य पुलिस ने आज (गुरुवार) हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से गिरफ्तार कर लिया. मेरठ के अपर पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने चंद्रशेखर को हिमाचल प्रदेश पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया. उसे दोपहर बाद सहारनपुर की अदालत में पेश किया जाएगा. सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद से ही चंद्रशेखर फरार चल रहा था. उस पर 12 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में गत पांच मई को हुई जातीय हिंसा के पीछे चंद्रशेखर का हाथ बताया जा रहा था.

यूपी पुलिस ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया (फोटो- फेसबुक)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पिछले दिनों भड़की जातीय हिंसा के आरोपी भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को राज्य पुलिस ने आज (गुरुवार) हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से गिरफ्तार कर लिया. मेरठ के अपर पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने चंद्रशेखर को हिमाचल प्रदेश पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया. उसे दोपहर बाद सहारनपुर की अदालत में पेश किया जाएगा. सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद से ही चंद्रशेखर फरार चल रहा था. उस पर 12 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में गत पांच मई को हुई जातीय हिंसा के पीछे चंद्रशेखर का हाथ बताया जा रहा था.

पेशे से अधिवक्ता चंद्रशेखर ने हाल ही में कहा था कि सहारनपुर में जो तांडव हुआ, उसके दोषियों को पकड़ने के बजाए प्रशासन निर्दोष लोगों को पकड़कर जेल में बंद कर रहा है, खासकर उनको जिनसे उस हिंसा का कोई लेना-देना नहीं है. ऐसा कर सरकार जानबूझकर दलित युवकों में आक्रोश पैदा कर रही है. 

मुझे माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा है- चंद्रशेखर

यह पूछने पर कि चुनाव में दलितों ने भी भाजपा को वोट दिया था, चंद्रशेखर ने कहा था कि लोगों को तो यह लगता था कि भाजपा अच्छा काम करेगी. भाजपा के नारे, ‘सबका साथ सबका विकास’ के बारे में चंद्रशेखर ने कहा था, ‘नहीं उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं है.’ एक अन्य सवाल पर चंद्रशेखर ने यह भी कहा था, ‘मुझे लगता है कि मौजूदा सरकार ने कसम खा रखी है और इसलिए दलितों को जेल में डाला जा रहा है तथा लोगों का भरोसा पुलिस और प्रशासन से उठता जा रहा है.’ यह पूछने पर कि एक अधिवक्ता अचानक पुलिस को वांछित क्यों हो गया, उन्होंने कहा था, ‘दलितों के हक के लिए आवाज उठाने को लेकर लेकिन मुझे माननीय न्यायालय पर पूरा भरोसा है.’ 

भीम आर्मी की स्थापना के सवाल पर क्या कहा था

यह पूछे जाने पर कि न्यायालय पर भरोसा है तो आप समर्पण क्यों नहीं कर देते, चंद्रशेखर ने कहा, ‘मैंने पहले दिल्ली में पुलिस को और फिर मजिस्ट्रेट को कहा था, लेकिन उन लोगों ने मना कर दिया. अब मैं चाहता हूं कि जेल में बंद 37 निर्दोष लोगों जमानत मिले तो मैं आत्मसमर्पण कर दूंगा.’ भीम आर्मी की स्थापना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ अत्याचार और दलितों के साथ सामाजिक भेदभाव को देखते हुए ही वह अपना करियर छोड़कर सामाजिक काम के लिए आगे आए और भीम आर्मी की स्थापना की जिसका काम दलितों का सामाजिक स्तर उंचा उठाना और बच्चों को पढ़ाना है. यह पूछने पर कि भीम आर्मी को धन कहां से मिलता है, उन्होंने कहा, ‘लोगों का भरोसा ही इसकी पूंजी है.’ 

'जो लोग दूसरों का घर जलाने जाएंगे, उनके अपने हाथ भी जलेंगे'

हिंसा और इसमें सुमित नामक युवक की मौत के बारे में पूछने पर चंद्रशेखर ने कहा था, ‘शोभायात्रा निकालने के लिए दलितों को धमकी दी गई कि अगर कोई बीच में आएगा तो उसे गोली खानी होगी. इस पर हमने पुलिस से संपर्क किया तो यह अफवाह फैल गई कि दलितों ने शोभायात्रा पर ऐतराज किया है जिसके बाद हमारे लोगों पर हमला हो गया.’ चंद्रशेखर ने कहा था, ‘दलितों के घर जला दिए गए. जिस तरह से हमला हुआ, उससे ऐसा लगता है कि वह सुनियोजित था और इसी बीच सुमित नामक एक युवक की मौत हो गयी. इस पर फिर अफवाह फैली कि सवर्णों के बच्चे को दलितों ने मार दिया.’ यह पूछने पर कि सुमित की मौत से भीम आर्मी या आपका कोई संबंध तो नहीं है, चंद्रशेखर ने कहा था, ‘पुलिस ने पहले कहा कि गोली मारी गई है. बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो कहा गया कि दम घुटने से मौत हुई है. तो जो लोग दूसरों का घर जलाने जाएंगे, उनके अपने हाथ भी जलेंगे.’ 

'मेरे खाते की जांच क्यों नहीं कराई जाती'

उन्होंने कहा था, ‘इसके बाद फिर क्या हुआ, सभी जानते हैं. सरकार, पुलिस और प्रशासन सभी उनके साथ हो गए क्योंकि मुख्यमंत्री उन्हीं की जाति के हैं. पुलिस ने भीम आर्मी पर नक्सली होने, नक्सलियों से धन लेने अथवा आतंकवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया. मैं उन्हें कहता हूं कि अगर ऐसा है तो वे साक्ष्य दें, ताकि लोगों को पता चले.’ उन्होंने आरोप लगाया था, ‘कहा गया कि हिंसा से पहले मेरे बैंक खाते में 50 लाख रुपये जमा हुए हैं. मेरे खाते की जांच क्यों नहीं कराई जाती. पुलिस केवल आरोप लगा रही है और मीडिया वाले वही छाप रहे हैं.’

Trending news