LS अध्यक्ष की बड़ी घोषणा, संसद की कैंटीन में सांसदों को अब नहीं मिलेगी सब्सिडी
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LS अध्यक्ष की बड़ी घोषणा, संसद की कैंटीन में सांसदों को अब नहीं मिलेगी सब्सिडी

खाने में सब्सिडी खत्म करने का मुद्दा 2 साल पहले भी उठा था. इसे लेकर लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में सभी दलों के सदस्यों ने एकमत से इसे खत्म करने पर सहमति जताई थी. लेकिन इस पर घोषणा अब की गई है.

LS अध्यक्ष की बड़ी घोषणा, संसद की कैंटीन में सांसदों को अब नहीं मिलेगी सब्सिडी

नई दिल्‍ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को बताया कि संसद की कैंटीन में सांसदों, अन्य को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी बंद कर दी गई है. बिरला ने इससे जुड़े वित्तीय पहलुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी . हालांकि सूत्रों ने बताया कि सब्सिडी समाप्त किये जाने से लोकसभा सचिवालय को सालाना 8 करोड़ रुपये की बचत हो सकेगी.

  1. लोकसभा अध्‍यक्ष ने की घोषणा 
  2. अब से सांसदों को भोजन पर नहीं मिलेगी सब्सिडी 
  3. सालाना 17 करोड़ रुपये की दी जाती थी सब्सिडी 

लोकसभा अध्यक्ष ने बजट सत्र की तैयारियों के बारे में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि उत्तर रेलवे के बजाय अब आईटीडीसी संसद की कैंटीनों का संचालन करेगा. उन्होंने कहा कि संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों से कोविड-19 जांच कराने का अनुरोध किया जाएगा.

बिरला ने कहा कि सांसदों के आवास के निकट भी उनके आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण किए जाने के प्रबंध किए गए हैं. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र, राज्यों द्वारा निर्धारित की गई टीकाकरण अभियान नीति सांसदों पर भी लागू होगी. उन्होंने कहा कि संसद परिसर में 27-28 जनवरी को आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी, सांसदों के परिवार, कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच के भी प्रबंध किए गए हैं .

बिरला ने कहा कि 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक होगी और लोकसभा की कार्यवाही शाम चार से रात आठ बजे तक होगी. उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान पूर्व निर्धारित एक घंटे के प्रश्नकाल की अनुमति रहेगी.

2 साल पहले उठा था मुद्दा 
खाने में सब्सिडी खत्म करने का मुद्दा 2 साल पहले भी उठा था. इसे लेकर लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में सभी दलों के सदस्यों ने एकमत से इसे खत्म करने पर सहमति जताई थी. लेकिन इस पर घोषणा अब की गई है. इसके तहत अब से कैंटीन में मिलने वाला खाना तय दाम पर ही मिलेगा और सांसद खाने की लागत के हिसाब से ही भुगतान करेंगे. 

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दी जा रही थी सलाना 17 करोड़ की सब्सिडी 
संसद की कैंटीन को सालाना करीब 17 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही थी. ऐसे में सांसदों को चिकन करी थाली 50 रुपए में तो वेज थाली 35 रुपए में परोसी जाती है. वहीं थ्री कोर्स लंच की कीमत 106 रुपए थी. प्‍लेन डोसा तो यहां महज 12 रुपये में मिलता था. ये घोषणा इसी सत्र से लागू होगी.

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