नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की पुलिस ने फरवरी 2021 में दिल्ली के हौजकाजी इलाके में चल रहे अवैध इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज पर जाकर रेड की थी. उस वक्त एक शख्स पकड़ा गया था, जिसके फ्लैट पर ये सब चल रहा था. लेकिन इसका टेक्निकल हेड जो मास्टरमाइंड है, वो पकड़ से बाहर था क्योंकि उस तक पहुंचने के लिए लीड नहीं मिल पा रही थी.


पुलिस ने मास्टरमाइंड समेत 5 को किया अरेस्ट


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके बाद सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की साइबर सेल ने मौके से बरामद दो सर्वर का पता लगाया कि ये सर्वर यहां तक कैसे पहुंचे? तब जाकर पुलिस अब इसमें 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई है. एक आरोपी पहले ही पकड़ा जा चुका है. सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के अधिकारी ने बताया कि साइबर सेल के इंस्पेक्टर जगदीश कुमार, सब-इंस्पेक्टर पवन यादव और कमलेश की टीम ने बदमाशों को गिरफ्तार किया.



ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने महापंचायत को लगाई फटकार, कहा- आपने पूरे शहर को बनाया बंधक


बता दें कि 29 सितंबर को साइबर सेल ने दिल्ली में इस रैकेट के मास्टरमाइंड समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया. जब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की गई तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए, जिसको सुनकर दिल्ली पुलिस के होश उड़ गए.


कॉल्स करने वालों का पता लगाना मुश्किल


पुलिस को पता चला है कि पाकिस्तान समेत कई देशों से आने वाली ये कॉल्स हर रोज भारत सरकार को डेढ़ करोड़ रुपये की चपत लगा रही थीं. हर दिन टेलीफोन एक्सचेंज के इन सर्वर पर ढाई लाख कॉल्स भारत में आती थी. लेकिन ये कॉल कहां से कौन कर रहा है इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है?


अब जल्द इस मामले में सुरक्षा एजेंसियां इन आरोपियों से पूछताछ कर सकती हैं. 29 सितंबर को गिरफ्तार आरोपियों में रेकैट का मास्टरमाइंड मोहम्मद इरफान, जो टेक्निकल हेड है, जुल्फिकार, अरीब और इरफान अली इनके नाम पर इंटरनेट कनेक्शन थे.


ये भी पढ़ें- गोरखपुर की घटना के बाद एक्शन में CM योगी, अधिकारियों को दी ये चेतावनी


इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज क्या है?


जब कोई शख्स भारत की एजेंसियों की निगाहों से बचकर भारत के टेलीकॉम गेटवे को बाईपास करके कॉल करना चाहता है तो वो विदेश वाले सर्वर से अपनी कॉल VOIP के जरिए करता है और वो भारत के अवैध सर्वर से कनेक्ट होकर जिससे बात करना चाहता है उस आदमी के लैंडलाइन या फिर मोबाइल फोन से कनेक्ट होकर बात हो जाती है.


लेकिन इन कॉल्स को मॉनिटर करना बहुत मुश्किल है. ये कॉल्स कहां से और किसने की हैं, जब तक भारत में बात करने वाला खुद से न बताए तब तक पता नहीं चलता है. वहीं भारत में इन सर्वर पर आने वाली कॉल्स से सर्वर मालिक को कॉल का प्रतिशत मिलता है जो पैसा हवाला के जरिए पहुंचता है.


जान लें कि इन सर्वर का हैंडलर खाड़ी देशों में बैठा है, जहां से ये ऑपरेट हो रहा है. सवाल उठता है कि क्या इन कॉल्स का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए तो नहीं हो रहा था? क्या ये कॉल्स स्मगलिंग, हवाला और देश के खिलाफ गतिविधियों के लिए तो नहीं हो रही थीं?


LIVE TV