रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने आय के ऐसे माध्यम तलाशने के लिए कहा है, जिनसे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों सुविधाओं की बढ़ोत्तरी के साथ-साथ अतिरिक्त आय अर्जित की जा सके.
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नई दिल्ली: भारतीय रेल के यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. अब अगले एक साल तक रेल के यात्रियों को किरायों की बढ़ोत्तरी का समाना नहीं करना पड़ेगा. रेलवे अपनी बढ़ी हुई ऑपेशनल कॉस्ट की भरपाई आय के दूसरे श्रोतों के जरिए करेगी. जी हां, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने भारतीय रेल के सभी 17 जनरल मैनेजर को पत्र को ऐसे माध्यम तलाशने के लिए कहा है, जिनसे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों सुविधाओं की बढ़ोत्तरी के साथ-साथ अतिरिक्त आय अर्जित की जा सके. इस पत्र में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने अपने जनरल मैनेजर को कुछ सुझाव भी दिए हैं, जिनके जरिए भारतीय रेल अतिरिक्त आय अर्जित कर सकती है.
हर महीने जोनल जीएम बताएंगे रेलवे की अतिरिक्त आय
रेलवे से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल में रेलवे ने ट्रेनों से निकलने वाले कूड़े के जरिए अतिरिक्त आय अर्जित करने का तरीका निकाला था. जिसके तहत, रेलवे ने अपने स्टेशन पर निकले वाले कई टन कचरे को बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने शुरू की थी. इसी कड़ी में, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने जनरल मैनेजर से कहा है कि वह ऐसे माध्यमों की खोज करें, जिनसे रेलवे को आय हो सकती है. पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि सभी जनरल मैनेजर हर महीने एक रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजेंगे, जिसमें यह बताया जाएगा कि अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और अब तक उनके जोन में किनती आय एकत्रित की गई है.
स्टेशन में सहूलियतें बढ़ाने वाले हों आय के श्रोत
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने अपने पत्र में सभी जोन के जनरल मैनेजर से कहा है कि आए के नए श्रोत ऐसे हों, जिनसे स्टेशन पर मुसाफिरों की सहूलियत को बढ़ाया जा सके और रेलवे को उससे आमदनी भी हो. अपनी तरह से उदारण देते हुए चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा है कि हम अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए निजी या सरकारी कंपनियों को रेलवे स्टेशन पर विज्ञापन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं. ये कंपनियां रेलवे स्टेशन पर वाटर वेंडिंग मशीन, बेंच, कुर्सी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है. उपलब्ध कराई गई इन सुविधाओं पर वह अपनी कंपनी का विज्ञापन कर सकती है. उन्होंने, रेलवे फुटओवर ब्रिज की रेलिंग का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए करने की सलाह दी है.
जीएम हर महीने भेजने अपने सुझाव
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा है कि सभी जोन के जीएम को उदारणों की यह सूची सिर्फ एक समझ तैयार करने के लिए भेजी गई है. उन्होंने बताया कि ये सभी माध्यम वर्तमान समय में नॉन फेयर रेवेन्यू कलेक्शन के प्रचलित तरीके हैं. अभी भी बहुत से ऐस सुझाव हो सकते हैं, जिनके जरिए रेलवे आय के अपने नए श्रोत खड़ा कर सकती है. जिससे यात्रियों पर किराए का बोझ बढ़ाए बिना, उन्हें रेलवे अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकती है. सभी जोन के महाप्रबंधकों को युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए जल्द से जल्द नॉन फेयर रेवेन्यू का विकल्प तलाशने के लिए कहा गया है.