शुरुआती सूचना के मुताबिक ये आत्मघाती हमला माना जा रहा है.
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पुलवामा: सितंबर 2016 में 'उरी' आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे. उसके बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले में शामिल बसों को निशाना बना कर किया गया है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक कहा जा रहा है कि नेशनल हाईवे पर आईईडी ब्लास्ट के जरिये किए गए इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए हैं. शुरुआती सूचना के मुताबिक ये आत्मघाती हमला माना जा रहा है.
बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ के जिस काफिले पर हमला हुआ, उसमें 70 वाहन और 2500 जवान थे. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर की एक न्यूज एजेंसी को संदेश भेजकर हमले की जिम्मेदारी ली है. हमले में घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है. इसके साथ ही आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. कहा जा रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया.
हमले में 45 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं. काफिले में शामिल एक बस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है. सेना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 2001-02 में आतंकियों ने इसी तरह के फिदायीन हमले को अंजाम दिया था. उसके बाद इस तरह की यह पहली घटना है. सेना का कहना है कि सेना ने जिस तरह से आतंकियों के ख्ािलाफ ऑपरेशन चलाया है, उसमें उनकी बौखलाहट बढ़ गई है. इसी कारण उन्होंने आईएसआईएस की तर्ज पर ये हमला किया है. सूत्रों ने कहा कि शहीद जवानों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायल जवानों की हालत बहुत गंभीर है. पुलवामा आतंकी हमले पर आईजी सीआरपीएफ (ऑपरेशंस) जुल्पिफकार हसन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है.
आदिल अहमद डार
न्यूज एजेंसी PTI ने पुलिस के हवाले से बताया है कि पुलवामा जिले में काकापोरा इलाके के रहने वाले आतंकी आदिल अहमद डार ने इस आतंकी घटना को अंजाम दिया है. आदिल ने 2018 में जैश-ए-मोहम्मद को ज्वाइन किया था.