कहा जाता है, बिहार देश की राजनीति की 'पाठशाला' है तो उत्तर प्रदेश दिल्ली का द्वार. बिहार के चुनाव नतीजों (Bihar election results 2020) पर पर देश की निगाह है. यहां के नतीजों का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश की राजनीति पर हो सकता है.
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नई दिल्ली: बिहार विधान सभा चुनाव परिणाम (Bihar Election Results 2020) आज आ जाएंगे. इन चुनाव परिणामों का देश की राजनीति पर असर पड़ेगा. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति भी इन नतीजों के बाद करवट लेगी. क्षेत्रीय पार्टियों के लिए ये अवसर साबित हो सकता है तो भाजपा के लिए मंथन का समय.
बदलेंगे समीकरण?
कहा जाता है, बिहार देश की राजनीति की पाठशाला है तो उत्तर प्रदेश दिल्ली का द्वार. बिहार के चुनाव पर देश की निगाह है लेकिन यहां के नतीजों का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश की राजनीति पर हो सकता है. यूपी में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से बीजेपी लगातार आक्रामक है. क्षेत्रीय पार्टियां सिर उठाने की स्थिति में नहीं हैं. नतीजे यदि शुरुआती रुझान और एग्जिटपोल (Exit Poll) के मुताबिक ही रहे तो यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भाजपा (BJP) को घेरने की पुरजोर कोशिश में जुट जाएगी.
सपा-आरजेडी कनेक्शन!
मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) करीबी रिश्तेदार हैं, इसके अलावा यूपी में सपा और बिहार में आरजेडी का बेस वोटर (MY) भी कॉमन है. अगर तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) बिहार के नए मुख्यमंत्री (Bihar CM) बनते हैं तो यूपी में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने बेस वोट बैंक को मजबूती का संदेश देने में कामयाब हो सकते हैं. सैफई परिवार में भले ही आपसी मतभेद हों लेकिन तेजस्वी को जीत की अग्रिम बधाई चचा शिवपाल भी दे रहे हैं और अखिलेश यादव भी. तेजस्वी की जीत बिखरे सैफई परिवार को भी एकजुट कर सकती है. अखिलेश और शिवपाल ने सोमवार को ही ट्वीट कर तेजस्वी को बधाई दी थी. कुल मिलाकर सपा ये संदेश देने की कोशिश करेगी कि बीजेपी को अब हराया जा सकता है.
ममता को मिलेगी मजबूती!
पश्चिम बंगाल में बीजेपी ममता बनर्जी को घेरने की कोशिश में है. बिहार के चुनाव परिणाम तय करेंगे कि बीजेपी अपनी इस रणनीति पर और मजबूती से आगे बढ़ पाएगी या ममता बनर्जी को दोबारा से क्षेत्रीय पार्टियों की मजबूती का संदेश देने का मौका मिल जाएगा. ममता विपक्ष की हर साझा मंच पर बड़े चेहरे के तौर पर रही हैं. लालू प्रसाद के बाद अब तेजस्वी भी ममता दीदी के साथ विपक्ष का बड़ा मंच तैयार करने के कई बार बयान दे चुके हैं. ऐसे में अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बनते हैं तो निश्चित ही वह पश्चिम बंगाल में ममता का राजनीतिक सपोर्ट मजबूती से करेंगे.
क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका बदलेगी?
बिहार के परिणाम क्षेत्रीय पार्टियों में जान फूंक सकते हैं. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड इस मामले में प्रमुख राज्य होंगे. तमाम क्षेत्रीय पार्टियां एकजुट हो सकती हैं, इन्हें भाजपा को हराए जाने का संदेश देने का बड़ा मौका मिल सकता है.
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