DNA: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक और पहचान ये है कि वो मौजूदा राजनीति में एक तरह से वोट-ब्रांड के एंबैसडर और कामयाब चेहरे हैं. वो ऐसे भीड़ जुटाऊ नेता हैं, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर लोग ध्यान से सुनते हैं. देश के किसी कोने में चुनाव हो, एनडीए उम्मीदवार अपने क्षेत्र में एक बार योगी की रैली जरूर कराना चाहते हैं.
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Yogi Adityanath news: हिंसा करने वालों को लेकर योगी सरकार की सख्ती बढ़ती जा रह है. कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के लिए जीरो टॉलरेंस. योगी की पहचान है. वैसे योगी चुनाव के वक्त उनका डिमांड-मीटर बहुत ऊपर रहता है. अभी बिहार में चुनाव है और वहां के बीजेपी नेता भी यूपी के मुख्यमंत्री से अप्वॉइंटमेंट फिक्स कराना चाहते हैं. इसलिए आज हम योगी के पॉप्युलैरिटी मीटर का विश्लेषण करने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद योगी ही ऐसे नेता हैं, जिनकी रैलियों में बेहिसाब भीड़ जुटती है.
डायरेक्ट आईटूआई कॉन्टैक्ट!
भीड़ से योगी सीधा संवाद करते हैं. बिना किसी लाग लपेट के बहुत ही स्पष्ट बोलते हैं. यही कारण है कि बिहार में जब चुनावी बिसात बिछाई जा रही है तो वहां योगी की रैलियों की तैयारी शुरू हो गई है. चर्चा है कि मुस्लिम बहुत इलाकों में योगी आदित्यनाथ रैलियां करने वाले हैं.
बिहार में दो चरणों में चुनाव होंगे. दोनों चरणों में योगी करीब 24 सभा कर सकते हैं. सूत्रों की माने तो वो बिहार के 50 से अधिक विधासभा क्षेत्रों में मतदाताओं से सीधा संवाद करेंगे. उत्तर प्रदेश से सटे जिलों के अलावा पूर्णिया, अररिया, कटिहार, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी जैसे जिलों में योगी की रैली की संभावना है.
स्टार प्रचारक योगी
अब इस बार महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद योगी की हिंदुत्व वाली छवि और निखरी है. राम मंदिर से बिहार के लोग सीधा कनेक्ट करते हैं. यही कारण है कि उनकी मांग बढ़ी है. मित्रों, हार्ड हिंदुत्व की छवि वाले योगी अपने वोटर से संवाद करते हुए उन्हें साफ और सरल शब्दों में संदेश दे देते हैं. उनकी बातें सुनकर बीजेपी के पक्ष में मतदाताओं की एकजुटता बढ़ जाती है. इसलिए उन्हें पिछले कुछ चुनावों से नैरेटिव सेट करने का विशेषज्ञ भी कहा जा रहा है.
इसके अलावा जिस तरह उन्होंने उत्तर प्रदेश में एक सख्त प्रशासक के तौर पर पहचान बनाई है, वो लोगों को प्रेरित करती है. एक बड़ी आबादी ऐसी भी है जो अपने प्रदेश में योगी जैसा मुख्यमंत्री चाहती है.
#DNAWithRahulSinha | बिहार चुनाव में योगी कुछ नया लेकर आ रहे हैं...क्यों है UP के CM की डिमांड हाई ?#DNA #BiharElections2025 #YogiAdityanath @RahulSinhaTV pic.twitter.com/8DspknnvRQ
— Zee News (@ZeeNews) October 11, 2025
हम आंकड़ों की परखनली में बिहार का इलेक्शन
बिहार में योगी की रैली की तारीख अभी तय नहीं हुई है. लेकिन सीमांचल में उनकी प्रतीक्षा कर रहे समर्थक उत्साहित हैं. जी न्यूज़ के संवाददाताओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों से बात की तो अधिकतर लोग योगी को एक मॉडल मुख्यमंत्री की तरह देख रहे हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें नहीं लगता है कि बिहार में उनका कोई असर होगा. ऐसे कुछ नेता भी हैं, जिन्हें लगता है कि योगी के बिहार दौरे से बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ेगा. उस संदेह को हम आंकड़ों की परखनली में जांच करते हैं.
ब्रैंड योगी की दीवानगी, चुनावी स्ट्राइक रेट और 'बंटोगे तो कटोगे'
2020 विधानसभा के चुनाव में योगी ने 18 सीटों पर प्रचार किया था. जिसमें से 12 सीटें बीजेपी जीती थी. इसका मतलब ये हुआ कि योगी की स्ट्राइक रेट तब 67 प्रतिशत था. पिछले साल दिसंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुआ था, वहां पर उनकी स्ट्राइक रेट 64 प्रतिशत से अधिक था. जबकि उसी के साथ महाराष्ट्र में चुनाव हुआ था, और वहां पर तो उनकी स्ट्राइक रेट करीब 95 परसेंट था. मतलब योगी ने जहां-जहां जो कहा, उस पर लोगों को विश्वास किया.
महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में 'बंटोगे तो कटोगे' वाला उनका संदेश टर्निंग स्लोगन साबित हुआ था. अब बिहार में चुनाव से पहले फिर से इसकी चर्चा शुरू हो गई है. योगी ने यूपी से ही संदेश देना शुरू कर दिया है. उनका का तेवर. उनके शब्दों में आक्रामकता. बेलाग, बेलौस और बेखौफ बोलने का अंदाज़ उन्हें बाकी नेताओं से एकदम अलग बनाता है और वही लोगों को कनेक्ट भी करता है.