ललित किशोर ने बताया कि जस्टिस राकेश कुनमार ने हाइकोर्ट की न्यायिक प्रक्रिया पर भी फैसले में सवाल उठाया. आदेश को लेकर मुख्य न्यायधीश ने स्वत: संज्ञान लिया.
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पटना : पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश के नेतृत्व में 11 जजों की बेंच ने न्यायधीश राकेश कुमार के कल यानी बुधवार के फैसले को स्थगित कर दिया. फिलहाल न्यायधीश राकेश कुमार को न्यायिक कार्य से अलग रखने का निर्णय सुनाया गया है. बुधवार को केपी रमैया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायपालिका पर टिप्पणी कर कई सवाल खड़ा किये थे.
पटना हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार किसी जज ने फैसले में लिखा था कि भ्रष्ट जजों को हाईकोर्ट प्रशासन संरक्षण देता है.
इस पूरे मामले पर एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कहा कि जस्टिस राकेश कुमार ने 2018 में केपी रमैया का बेल रद्द किया था. 2018 के केस को फिर कल खोला और 20 पेज का आदेश पारित किया. मामले में जस्टिस राकेश ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया. पटना के जिला जज से भी पूछा कि किस आदेश में रमैया की जमानत हुई.
ललित किशोर ने बताया कि जस्टिस राकेश कुनमार ने हाइकोर्ट की न्यायिक प्रक्रिया पर भी फैसले में सवाल उठाया. आदेश को लेकर मुख्य न्यायधीश ने स्वत: संज्ञान लिया. 11 जजों की बेंच बनायी, जिसने जस्टिस राकेश के फैसले पर रोक लगा दी. अब जस्टिस राकेश के फैसले को नहीं माना जायेगा.
न्यायाधीश राकेश कुमार के आदेश पर वाईवी गिरि ने कहा कि 11 जजों को स्पेशल बेंच बैठी. आदेश निष्पादित केस पर दिया गया. जज को कोई अधिकार नहीं था. पूरी न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया. उन्होंने कहा कि आदेश पर रोक लगा दी गई है.
उन्होंने कहा कि राकेश कुमार के आदेश से न्यायिक प्रक्रिया की साख गिरी. जस्टिस राकेश ने इलाहाबाद से आए जजों पर टिप्पणी की थी. हाइकोर्ट में जातीय स्तर पर फेवर का आरोप भी फैसले में लगाया था.