बिहार:टीबी के इलाज के लिए बीमार बच्चों को बेचने जा रही थी मां,DM ने करवाया इलाज शुरू
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बिहार:टीबी के इलाज के लिए बीमार बच्चों को बेचने जा रही थी मां,DM ने करवाया इलाज शुरू

डीएम योगेंदर सिंह ने कहा कि हमें बताया गया है कि महिला और बच्चे टीवी के मरीज हैं और उनकी जांच की गई है. वाकई में उनको टीवी है या नहीं है या फिर वे किसी दूसरी तरह की बीमारी से ग्रसित हैं ये रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा. 

डीएम ने तुरंत मामले का संज्ञान लेते हुए तीनों के समुचित इलाज की व्यवस्था कराई.

दीपक विश्वकर्मा, नालंदा: बिहार के नालंदा में आर्थिक तंगी के कारण बच्चा बेचने के मामले में डीएम योगेंदर सिंह ने कहा कि जैसे ही यह मामला हमारे संज्ञान में आया मैंने संबंधित विभाग को कहा कि उनका समुचित इलाज किया जाए. उनके दो बच्चे हैं और वो कुपोषित प्रतीत हो रहे हैं. हमारे यहां कुपोषित बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं जहां उनकी बहुत अच्छी तरह से देख रेख की जा रही है. 

डीएम योगेंदर सिंह ने कहा कि हमें बताया गया है कि महिला और बच्चे टीवी के मरीज हैं और उनकी जांच की गई है. वाकई में उनको टीवी है या नहीं है या फिर वे किसी दूसरी तरह की बीमारी से ग्रसित हैं ये रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा. उन्होंने बताया कि दवाइयां हॉस्पिटल में बिल्कुल ही मुफ्त दी जाती है और अगर दवाइयां बाहर से भी लेने की आवश्यकता होगी तो उनको आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान किया जाएगा. उन्होने कहा कि शायद अज्ञानतावश महिला अपने इलाज के लिए अस्पताल तक नहीं पहुंच पाई.

 

डीएम ने नालंदा के सिविल सर्जन और उपाधीक्षक को तलब करते हुए महिला के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने प्रतिरक्षण टीम को सर्वे करने का निर्देश दिया कि जो भी लोग टीवी जैसी बीमारी से ग्रसित हैं उन्हें चिन्हित कर उनका समुचित इलाज करें. मामला चाहे जो भी हो मगर इस प्रकरण ने स्वास्थ्य महकमे की नींद हराम कर दी है.

दरअसल हरनौत प्रखंड के कल्याण बिगहा गांव पिछले कई माह से टीवी रोग से ग्रसित महिला अपने इलाज के लिए 50 हजार में 2 बच्चो को बेचने का मन बना ली थी . मुफलिसी का जीवन व्यतीत कर रही महिला और उसके बच्चे जब टीवी रोग से ग्रसित हुई तो उसके दूसरा पति ने भी साथ छोड़ दिया. इसके बाद उसने पहले अपने दुधमुहे पुत्र को बेचने की बात करने लगी उसके बाद अपनी पुत्री का.

हरनौत प्रखंड के कल्याण बिगहा निवासी महिला सोनम की शादी 3 साल पहले हरनौत निवासी सुमन्त से हुई थी. जिससे उसे एक बेटी हुई. इसके बाद पति दुनिया से चल बसा  बच्चे की परवरिश के लिए महिला ने दूसरी शादी की. जिससे एक बेटा हुआ. पत्नी को जब बीमारी ने जकड़ा तो पति परिवार को छोड़ फरार हो गया. इसके बाद महिला अपने इलाज के लिए दोनों बच्चों को बेचने की तैयारी कर रही थी. अस्पताल  पहुंचने पर जब इस बात की जानकारी मिडिया कर्मियों को लगी तो उन्होंने इसकी जानकारी डीएम को दी.

डीएम ने तुरंत इस बात का संज्ञान लेते हुए तीनों के समुचित इलाज की व्यवस्था कराई. फिलहाल तीनों का इलाज एनआरसी केंद्र में किया जा रहा है. यहां सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि टीवी बीमारी को समाज से ख़त्म करने के लिए सरकार करोड़ों रूपये खर्च कर रहे है. हर प्रखंड में ऐसे मरीजों को चिन्हित करने के लिये कर्मियों की बहाली की गयी है. जो इस तरह के मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम करते हैं. 

इस महिला और उसके दो बच्चो इस गंभीर बीमारी से पिछले कई माह से ग्रसित है . वावजूद कर्मियों द्वारा इनको चिन्हित कर अस्पताल तक नहीं लाया गया. ऐसे में मुख्यमंत्री के गृह जिले में ही स्वास्थ व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशाना खड़ा कर रहा है . एनआरसी केंद्र के अधिकारी विधा रानी ने बताया कि महिला और उसके दोनों बच्चे टीवी रोग से ग्रसित है. टीवी के कारण उसका पुत्र कुपोषण का शिकार हो गए  है .