सामाजिक सहयोग से चलने वाले दिव्यांग बच्चों के स्कूल में डीएम बने शिक्षक
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सामाजिक सहयोग से चलने वाले दिव्यांग बच्चों के स्कूल में डीएम बने शिक्षक

सीतामढ़ी में स्थित एक स्कूल जहां दिव्यांग बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. 50 दिव्यांग बच्चों के स्कूल को सरकारी नहीं बल्कि सामाजिक सहयोग से चलाया जाता है.

दिव्यांग स्कूल बिना सरकारी सहयोग के 1993 से चल रहा है.

सीतामढ़ीः बिहार के सीतामढ़ी में स्थित एक स्कूल जहां दिव्यांग बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. 50 दिव्यांग बच्चों के स्कूल को सरकारी नहीं बल्कि सामाजिक सहयोग से चलाया जाता है. लेकिन जब यहां के डीएम को इस स्कूल के बारे में पता चलता है तो वह बच्चों से मिलने आते हैं और उनके शिक्षक बन जाते है.

सीतामढ़ी के डुमरा प्रखंड के कैलाशपुरी में एक सर्वोदय विद्यालय स्थित है. यह विद्यालय करीब 27 सालों से चल रहा है. 1993 से ही विद्यालय चल रहा है जहां दिव्यांग बच्चे पढ़ाई करते हैं. अभी इस विद्यालय में 50 दिव्यांग बच्चे पढ़ते हैं.

दिव्यांग बच्चे जिन्हें शिक्षा देकर उन्हें अपने पैंरों पर खड़ा होने के लिए सिखाया जाता है. उन्हें बताया जाता है कि वह किसी के लिए बोझ नहीं है. लेकिन इस विद्यालय को अब तक सरकारी सहयोग नहीं मिल पाया है. अब तक प्रशासन की इस स्कूल पर नजर ही नहीं पड़ी है.

हालांकि, सीतामढ़ी के डीएम रणजीत कुमार सिंह जब इस विद्यालय के बारे में जानकारी मिली तो वह बच्चों से मिलने के लिए वहां पहुंचे. विद्यालय पहुंचकर डीएम बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. उन्होंने बच्चों की खूब हौंसला अफजाई की.

बहरहाल, इस विद्यालय पर किसी भी प्रशासन और सरकार की नजर क्यों नही पड़ी यह एक बड़ा सवाल है. इतने सालों से चलने वाले इस तरह के स्कूल को सरकारी सहयोग से क्यों महरूम रखा गया. सरकार एक ओर दिव्यांगों के लिए इतने काम करने का दावा करती है. लेकिन इस मामले में प्रशासन पूरी तरह से असफल दिख रही है.