इस गुफा में मां अंजनी की गोद में विराजमान हैं बजरंग बली
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इस गुफा में मां अंजनी की गोद में विराजमान हैं बजरंग बली

रामभक्त हनुमान के बहुत सारे मंदिर हैं. उनके जन्म के विषय में माना जाता है कि उनका जन्म झारखंड के गुमला नाम जिले के उत्तरी क्षेत्र में हुआ था. यहां की एक गुफा को उनका जन्म स्थान माना जाता है.

झारखंड की इस गुफा में हुआ था हनुमान जी का जन्म

नई दिल्ली : रामभक्त हनुमान के बहुत सारे मंदिर हैं. उनके जन्म के विषय में माना जाता है कि उनका जन्म झारखंड के गुमला नाम जिले के उत्तरी क्षेत्र में हुआ था. यहां की एक गुफा को उनका जन्म स्थान माना जाता है.

गुमला जिले के उत्तरी क्षेत्र में अवस्थित आंजन ग्राम से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि यही माता अंजनी ने महाबली हनुमान को जन्म दिया था. माता अंजनी के नाम से ही इस गांव का नाम आंजन पड़ा. यह गांव जिला मुख्यालय से लगभग 22 किमी की दूरी पर अवस्थित है. साथ ही देश के अंदर यह ऐसा पहला मंदिर है, जहां स्थापित मूर्ति में बाल हनुमान माता अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं. 

अपने आप बंद हो हई थी गुफा 

मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म गुमला जिले के आंजनधाम में स्थित एक पहाड़ी की गुफा में हुआ था. इस गुफा का द्वार कलयुग में अपने आप बंद हो गया है. कहा जाता है कि माता अंजनी लोगों द्वारा दिए जाने वाली बलि से नाराज थी तो उन्होंने ये गुफा बंद कर दी थी. ये गुफा आज भी आंजन नगर में हैं. 

इस स्थान पर कहीं-कहीं खुदाई करने पर मिले पुराने- पुराने मंदिरो की मूर्तियां व मंदिरों के अवशेष यह बताते हैं कि किसी युग में यह बहुत बड़ा तीर्थस्थान रहा होगा. यहां से 4 किमी. की दूरी पर धम्घसिया में भी खुदाई से गुफा मिली है जिसमे पुरानी मूर्तियां और कलाकृतियां मिली हैं.
 
पंपापुर सरोवर में श्रीराम और लक्ष्मण ने स्नान किया था

आंजन नगर में एक मंदिर स्थित है. हनुमान भक्तों ने इसकी स्थापना 1953 में की थी. मंदिर में स्थापित प्रतिमा में हनुमान जी माता अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं. यहां एक पंपापुर नामक सरोवर है. जिसके विषय में कहा जाता है कि इस सरोवर में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने स्नान किया था.

आंजनधाम की कहानी

पुराणों में कहानी है कि माता अंजनी को कुंवारी मां बनने का श्राप था. इसी वजह से उन्होंने ऐसे घनघोर जंगल को चुना, जहां उनपर किसी गैर मर्द की छाया न पड़े. कहते हैं वह आज का आंजनधाम ही था. गुफा में घोर तपस्या के बाद जब शिवजी ने अंजनी को दर्शन दिए तो उन्होंने शिव को ही अपने बेटे के रूप में प्राप्त होने का वरदान मांग लिया. बाद में हनुमान जी के रूप में शिवजी ने अंजनी के गर्भ से जन्म लिया. 

बालि और सुग्रीव का राज्य

आंजनधाम से जुड़ी और भी पौराणिक गाथाएं जुड़ी हैं. कहते हैं, गुमला जिले के पालकोट प्रखंड में बालि व सुग्रीव का राज्य था. यहीं पर शबरी आश्रम भी है, जहां माता शबरी ने भगवान राम व लक्ष्मण को जूठे बेर खिलाए. पंपापुर सरोवर भी यहीं है, जहां भगवान राम और भ्राता लक्ष्मण ने रुककर स्नान किया था. इन सब बातों के कोई ऐतिहासिक सबूत तो नहीं मिलते लेकिन इलाके के निवासी खुद को वानर जनजाति के रेस से जोड़कर देखते हैं.