तेजस्वी के बयान से अब्दुल बारी सिद्दीकी असहमत, बोले-RJD के राज में बेजुबानों को जुबान मिली
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तेजस्वी के बयान से अब्दुल बारी सिद्दीकी असहमत, बोले-RJD के राज में बेजुबानों को जुबान मिली

अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि, हमारी नीति, सिद्धांत और हमारी आस्था जिससे जुड़ी हुई है, हमने उसके लिए काम किया है. अगर किसी को तीता लग रहा है उसे और मिर्ची खिलानी चाहिए.

 आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अब तेजस्वी यादव के बयान से असहमति जताई है. (फाइल फोटो)

पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बयान पर मचा सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी-जेडीयू जहां तेजस्वी पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं तो वहीं, अब आरजेडी के अंदर भी इस बयान को लेकर असहमति दिख रही है. आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अब तेजस्वी यादव के बयान से असहमति जताई है.

अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि, लालू यादव (Lalu Yadav) और राबड़ी देवी (Rabri Devi) के शासनकाल में बेजुबानों को जुबान मिली है और गरीबों को उनका हक मिला है. आरजेडी नेता ने कहा कि, हमारे शासनकाल में कोई कमी नहीं हुई है. हमारी नीति, सिद्धांत और हमारी आस्था जिससे जुड़ी हुई है, हमने उसके लिए काम किया है. अगर किसी को तीता लग रहा है उसे और मिर्ची खिलानी चाहिए.

इधर, गायघाट से आरजेडी के बागी विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने भी तेजस्वी पर निशाना साधा है. महेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि, तेजस्वी की हैसियत नेता प्रतिपक्ष की नहीं है. पार्टी में बड़े-बड़े नेता था, उन्हें लालू यादव को प्रतिपक्ष का नेता बनाना चाहिए था. लालू यादव ने सभी बड़े नेताओं को अपने परिवार का गुलाम बना दिया है. अकेले सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही है जो समाजवादी लोगों को एक साथ ले कर चलने वाले हैं.

क्यों हो रहा विवाद?
दरअसल, तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कहा, 'ठीक है 15 साल हम लोग सत्ता में रहे. पर हम तब सरकार नहीं थे, हम तो छोटे थे. पर इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि, लालू जी ने सामाजिक न्याय नहीं किया. उन 15 सालों में हमसे कोई भूल हुई हो तो हम उसके लिए भी माफी मांगते हैं.'

बता दें कि, ये कोई पहला मौका नहीं है, जब तेजस्वी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इससे पहले बीते दिनों आरजेडी के पांच एमएलसी ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए जेडीयू का थामन थाम लिया था. जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया था. माना जा रहा है कि, रघुवंश प्रसाद सिंह पार्टी की कार्यशैली और शीर्ष नेतृत्व के काम करने से खुश नहीं हैं.

वहीं, सूत्रों की मानें तो, आरजेडी के भीतरखाने तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर बार-बार सवाल उठ रहे हैं. माना जा रहा है कि, आने वाले दिनों में आरजेडी के कई विधायक और नेता पाला बदलकर दूसरे दलों की सवारी करते नजर आ सकते हैं. बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने तो कई बार सार्वजनिक रूप से बयान देते हुए कहा भी है कि, बिहार चुनाव के पहले कई आरजेडी के नेता एनडीए का दामन थामेंगे.