बिहार: पटरी पर लौटने लगा शैक्षणिक माहौल, लेकिन इन लापरवाहियों की वजह से मेहनत पर फिर सकता है पानी
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बिहार: पटरी पर लौटने लगा शैक्षणिक माहौल, लेकिन इन लापरवाहियों की वजह से मेहनत पर फिर सकता है पानी

क्लास एक से पांच तक की पढ़ाई शुरू होने के बाद बिहार में एक बार फिर से शैक्षणिक माहौल पटरी पर लौटने की आशा जग गई है. हालांकि स्कूलों में मौजूदगी कम दिखी और कोरोना निर्देश का पालन भी सही तरीके से नहीं हुआ.

बिहार: पटरी पर लौटने लगा शैक्षणिक माहौल, लेकिन इन गलतियों की वजह से मेहनत पर फिर सकता है पानी.

Patna: बिहार में सभी सरकारी और निजी विद्यालय में आज से पढ़ाई शुरू हो गई है. क्लास एक से पांच तक की पढ़ाई शुरू होने के बाद बिहार में एक बार फिर से शैक्षणिक माहौल पटरी पर लौटने की आशा जग गई है. हालांकि स्कूलों में मौजूदगी कम दिखी और कोरोना निर्देश का पालन भी सही तरीके से नहीं हुआ.

करीब एक साल बाद राजवंशी नगर में आज स्कूल की घंटी बजी है. क्लास एक से पांच में पढ़ाई शुरू कराने के निर्देश के बाद बिहार में करीब एक साल बाद ऐसा लम्हा आया जब क्लास एक से 12 तक की पढ़ाई क्लास में ही शुरू हो गई. 4 जनवरी से क्लास 9-13,  8 फरवरी से क्लास 6-8 की पढ़ाई शुरू होने के बाद आज से प्राथमिक विद्यालय में भी पढ़ाई शुरू हो गई. 

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हालांकि, आज पहला दिन होने के कारण छात्रों की मौजूदगी काफी कम देखने को मिली. राजधानी के दो सरकारी विद्यालय में छात्रों की मौजूदगी कम रही. क्योंकि आज पहला दिन था. लिहाजा छात्र कम ही संख्या में पहुंचे. राजवंशी नगर में मौजूद नवीन मध्य विद्यालय में छात्रों के दाखिला होने से पहले हाथों को Sanitize कराया गया. छात्रों में भी करीब एक साल बाद स्कूल पहुंचने की खुशी दिखी. वहीं, प्रिंसिपल ललन कुमार ने अगले कुछ दिनों में छात्रों की संख्या बढ़ने की आशा जताई है.

कोरोना से रोक थाम के लिए शिक्षा विभाग ने कई तरह के निर्देश दिए हैं, लेकिन राजधानी के ही सरकारी स्कूलों में पालन होते नहीं दिखा. वीरचंद पटेल स्तिथ एक प्राइमरी विद्यालय (Primary School) में छात्र दरी पर पढ़ते नज़र आए. वहीं अदालतगंज बालक मध्य विद्यालय में सफाई का इंतजाम नहीं दिखा. कमरे में मकड़ी के जाले दिखे. बेंच और डेस्क पर धूल की मोटी परत दिखी. 

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वहीं, फर्श पर काफ़ी में बड़ी संख्या में पुराने कागज दिखे. कमरे को देखने से ऐसा लग रहा था कि, इसकी कई महीने से सफाई नहीं हुई है. छात्रों ने मास्क भी नहीं पहन रखे थे. छात्रों को इस बात की तसल्ली दिखी कि वो साल भर बाद पढ़ने के लिए स्कूल आ सके हैं.

बिहार में करीब साल भर बाद पढ़ाई तो शुरू हो गई लेकिन कोरोना को लेकर अगर लापरवाही बरती गई तो सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है.