डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि जो पुलिसकर्मी शराब माफियाओं से सांठगांठ में पाए जाएंगे, अब उनके साथ समझौता नहीं किया जाएगा.
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पटना: बिहार पुलिस के सामने पह़ले की ही तरह कानून-व्यवस्था और अपराध की चुनौती बरकरार है. इस बात को खुद बिहार के अपर मुख्य सचिव आमिर सुब्हानी ने स्वीकार किया है. बिहार पुलिस सप्ताह के मौके पर क्राइम को लेकर अपर मुख्य सचिव के स्वीकारोक्ति बयान से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि, बिहार के डीजीपी के बार-बार चेतावनी के बावजूद नहीं सुधरने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के संकेत दे दिए गए हैं.
बिहार पुलिस के वैसे कर्मचारी या अधिकारी जो अपने कामों में लापरवाही करेंगे अब उन पर कार्रवाई होगी. इस बात का एलान स्वयं बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने किया है. बिहार पुलिस सप्ताह के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान डीजीपी ने अपने पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी है.
दरअसल, डीजीपी इस बात से दुखी थे कि बार-बार चेतावनी के बाद भी पुलिसकर्मी सुधरने को तैयार नहीं हैं. साथ ही शराबबंदी मुहीम में लगातार हो रही सेंधमारी से डीजीपी नाराज दिखे. डीजीपी ने कहा कि जो पुलिसकर्मी शराब माफियाओं से सांठगांठ में पाए जाएंगे, अब उनके साथ समझौता नहीं किया जाएगा. पुलिस सप्ताह के उद्घाटन समारोह में डीजीपी का ये बयान काफी गंभीर माना जा रहा है.
बता दें कि बिहार में पुलिस सप्ताह 22 फरवरी से 27 फरवरी तक मनाया जाएगा. इस दौरान सभी जिलों के एसपी अपने एक गांव को गोद लेंगे और वहां के विद्यालय में जाकर बच्चों को अच्छी जानकारी देंगे, खेल का आयोजन कराएंगे, बैंड शो, डॉग शो, हार्स शो का आयोजन करेंगें. साथ ही पौधारोपण अभियान का भी हिस्सा बनेंगे और महिला सुरक्षा के लिए मोबाईल एप को लांच करेंगे.
इस दौरान साइबर क्राइम, सीसीटीएनएस, सामुदायिक पुलिसिंग, डीएनए प्रोफाइल से जुडी तकनीकि जानाकारी भी पुलिसकर्मियों को दी जाएगी. गुड पुलिसिंग के सुझाव के लिए अधिकारी पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर जैसे पांच नगरपालिका के पार्षदों के साथ संवाद भी करेंगे. इसके साथ ही शराबबंदी मुहीम को सफल बनाने के लिए लोगों को जागरुक भी करेंगे.
पुलिस सप्ताह के उद्घाटन कार्यक्रम में मौजूद बिहार के अपर मुख्य सचिव आमिर सुब्हानी ने भी स्वीकार किया कि अपराध पर नियंत्रण, विधि व्यवस्था लागू करना, शराबबंदी मुहीम को सफल बनाना ये पुलिस के लिए पहले की ही तरह अभी भी चुनौतीपूर्ण है.
हालांकि, बिहार में पुलिसिंग और कन्विक्शन को बेहतर बनाने के लिए भवनहीन भूमिहीन पुलिस थानों को इस साल अपना थाना या फिर अपनी भूमि की सुविधा मिलने की घोषणा भी आमिर सुब्हानी ने की है. साथ ही ईआरएस, सीसीटीएनएस जैसी चल रही योजनाओं के इस साल पूरे होने का भरोसा भी दिलाया.
वहीं, मुख्य अतिथी के रूप में कार्यक्रम में मौजूद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बेहतर पुलिसिंग के चार टिप्स भी पुलिसकर्मी अधिकारियों को दिये. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी एक दूसरे का सहयोग जरूर करें. मुख्य सचिव ने कहा कि आज जो पावर आपके पास है, शायद वो कल न हो. ऐसे में दूसरे का सहयोग कर आप दिल जीत सकते हैं.
दीपक कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मी वर्तमान में जीना सीखें. हो सकता है कि वर्तमान पद उनके मन मुताबिक न हो लेकिन जो पद उन्हें दिया गया है, उसी में बेहतर करने की कोशिश करें. इसके साथ ही जूनियर स्टॉफ सहयोगी की चिंता करें. उनकी पारिवारिक समस्या, छुट्टियों, रहने की समस्या को गंभीरता से लें. अगर आप उनका ख्याल रखेंगे तो वो आपका ख्याल रखेंगे.
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी थाने अपने इलाके के एक तालाब को गोद ले लें. जल जीवन हरियाली को लेकर इससे बेहतर संदेश जाएगा. इसके साथ ही मुख्य सचिव ने अप्रैल महीने में सिविल सर्विसेज वीक भी मनाने की घोषणा की है.
पुलिस सप्ताह के दौरान पुलिसकर्मियों को जहां नई चीजों को सीखने का मौका मिलेगा. वहीं, क्राईम से संबंधित गतिविधियों से निपटने के तरीके भी वो जान पाएंगे. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि पुलिस सप्ताह बिहार के पुलिसकर्मियों में बदलाव के रास्ते खोलने वाला अभियान साबित होगा.