बिहार: अमित शाह-नीतीश कुमार की घोषणा से आया सियासी उबाल, कुछ ऐसा रहा पार्टियों का रिएक्शन
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बिहार: अमित शाह-नीतीश कुमार की घोषणा से आया सियासी उबाल, कुछ ऐसा रहा पार्टियों का रिएक्शन

भाजपा के बराबरी के फार्मूले से बिहार में राजनीतिक उबाल आ गया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीएम नीतीश कुमार ने मास्टर स्ट्रोक मारा है,

जेडीयू-भाजपा के बराबरी के फार्मूले से बिहार में राजनीतिक उबाल आ गया है.

पटना, शैलेंद्र कुमार: जेडीयू - बीजेपी के बराबरी के फार्मूले से बिहार में राजनीतिक उबाल आ गया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीएम नीतीश कुमार ने मास्टर स्ट्रोक मारा है, लेकिन विपक्ष को सीट बंटवारा रास नहीं आ रहा है, उसका कहना है कि हार की डर से बीजेपी ने जेडीयू के लिए रेड कार्पेट बिछाया है. वहीं, जेडीयू कह रही है कि आगे-आगे देखिये होता है क्या ?

दिल्ली में बीजेपी और जेडीयू के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की घोषणा हुई, तो पटना में आरजेडी नेताओं की बेचैनी बढ़ गयी और कल तक महज कुछ सीटें जेडीयू को मिलने की बात कहनेवाले आरजेडी नेताओं ने अपना स्टैंड बदल लिया और कहा कि हार के डर से बीजेपीने अपना स्टैंड बदला है. अभी तक हमने ऐसा समझौता नहीं देखा है. 

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आरजेडी की प्रतिक्रिया पर जेडीयू ने भी करारा वार किया है. पार्टी महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि अगर पेट में दर्द हो रहा है, तो पटना में कई अच्छे डॉक्टर बैठते हैं, उनको दिखा लेना चाहिये. रेड कार्पेट उन्हीं के लिए लगाया जाता है, जिनका सम्मान होता है. 

इधर, बीजेपी नेताओं का कहना है कि फैसला सम्मानजनक है. सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए चल रहा है, वो बड़े नेता हैं. फैसले से गठबंधन को ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने में मदद मिलेगी. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि सीट बंटवारे में लोजपा और जेडीयू की उपेक्षा हुई है, जिसका असर आनेवाले दिनों में देखने को मिलेगा. 

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वहीं, आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि सीटों की संख्या पर फिलहाल कोई चर्चा नहीं की गई है. हम इसपर चर्चा कर रहे हैं, मैंने अमित शाह जी से बात भी की है लेकिन इससे ज्यादा मैं अभी कुछ नहीं बोल सकता हूं. 

राजनीतिक दलों में एनडीए के सीट बंटवारे को लेकर भले ही प्रतिक्रिया है, लेकिन सीट बंटवारे का फार्मूला घोषित करके एनडीए ने महागठबंधन पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है और अब दबाव महागठबंधन के नेताओं पर आ गया है कि उनके यहां सीटे शेयरिंग का फार्मूला कैसे तय होता है.