झारखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराव किया गया.
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सौरभ शुक्ला/रांचीः झारखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराव किया गया. झारखंड सरकार के विरोध एवं छह सूत्री मांग के साथ झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सरकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर झारखंड के सभी जिलों से सेविका, सहायिका एवं पोषण सखी के प्रतिनिधि रांची पहुंचकर विधानसभा के समक्ष (बिरसा चौक)पर धरना दिया.
कार्यक्रम स्थल पर आम सभा हुई जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष देवंती देवी ने किया. देवंती देवी ने यह मांग किया है कि अतिरिक्त मानदेय में बढ़ोतरी करते हुए समाज कल्याण विभाग अंतर्गत कार्यरत सरकारी एवं संविदा कर्मी के अनुरूप आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं पोषण सखी को महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाए एवं उच्चतर 50 फीसदी पदों पर प्रोन्नति दी जाए.
आंगनबाड़ी सेविका, सहियका एवं पोषण सखी को सेवा निवृत्ति की उम्र सीमा 65 वर्ष करते हुए सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन स्वीकृति की जाए. इसके अलावा भी अन्य मांगों को लेकर बिरसा चौक पर संघ ने धरना दिया.
वहीं बीआरपी सीआरपी महासंघ 26 और 27 दिसंबर 2 दिनों तक विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करेगी.महासंघ की मांग है कि बीआरपी सीआरपी को वेतनमान एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं देने हेतु गठित कमेटी का रिपोर्ट अविलंब पेश किया जाए.राज्य में कार्यरत बीआरपी सीआरपी को अन्य राज्यों की भांति सम्मानजनक वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए.
राज्य कार्यकारिणी की 38 वीं बैठक के निर्णय को लागू किया जाए.साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार बीआरपी सीआरपी को स्थाई किया जाए.राज्य भर में कार्यरत बीआरपी सीआरपी को ईपीएफ कटौती,ग्रुप बीमा एवं परियोजना में कार्यरत कर्मियों को प्राप्त होने वाले सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाए.
वही झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ ने 2 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 41 दिनों से हड़ताल पर है. कई बार आश्वासन मिला बावजूद इसके जब मांग पूरी नहीं हुई तो संघ ने बिरसा चौक स्थित विधानसभा गेट के घेराव के लिए पहुंची.संघ की मांग है कि स्थाई करण की जाए और समान काम के बदले समान वेतन दिया जाए.
जाहिर है आज का दिन पूरा विधानसभा गेट विभिन्न संघों के धरना प्रदर्शन से जाम रहा. सुरक्षा के लिहाज से विधानसभा गेट को बंद कर दिया गया और भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया.लिहाजा संघ को आशा है कि शीतकालीन सत्र में उनकी मांगों को मान लिया जाएगा.