21 की उम्र में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बना अंकित, पिता के गुजर जाने के बाद संघर्ष भरा रहा जीवन
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21 की उम्र में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बना अंकित, पिता के गुजर जाने के बाद संघर्ष भरा रहा जीवन

इसके उपरांत अंकित का नामांकन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी त्रिवेंद्रम में हो गया, जहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद अंकित का चयन 'इसरो' के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में हुआ है. 

21 की उम्र में अंतरिक्ष वैज्ञानिक बना अंकित, पिता के गुजर जाने के बाद संघर्ष भरा रहा जीवन.

अमरजीत/सासाराम: परिस्थितियां कितनी भी विकट क्यों न हो हौसलों से मंजिल पाई जा सकती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है, सासाराम के तकिया बाजार के 21 वर्षीय लड़के अंकित गुप्ता ने. अंकित का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के लिए हुआ है. 

10 वर्ष की उम्र में सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद अंकित आगे की पढ़ाई के लिए अपने नाना के घर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर चला गया. चौथी कक्षा से लेकर 12वीं तक उसने गोरखपुर से पढ़ाई की. फिर एक साल की तैयारी के बाद अंकित जेईई मेंस में चयनित हुआ. 

इसके उपरांत अंकित का नामांकन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी त्रिवेंद्रम में हो गया, जहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद अंकित का चयन 'इसरो' के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में हुआ है. 

पिछले महीने के 24 दिसंबर को ही अंकित को इसरो से नियुक्ति प्रस्ताव मिला है. तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर अंकित है. इसरो में वैज्ञानिक के रूप में चयन होने पर परिवार के लोग काफी खुश हैं तथा अंकित के उज्जवल भविष्य की कामनाएं कर रहे हैं. 

बता दें कि अंकित के पिता अशोक गुप्ता का निधन तब हो गया था, जब अंकित चौथी कक्षा में पढ़ता था. इसके बाद से ही घर में अच्छे जीवन के लिए संघर्ष जारी था और अंत में अंकित को सफलता मिली.