झारखंड के 6 जिलों में हुआ ड्राई रन मॉक ड्रिल, वैक्सीनेशन के लिए कुछ ऐसी है व्यवस्थाएं
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झारखंड के 6 जिलों में हुआ ड्राई रन मॉक ड्रिल, वैक्सीनेशन के लिए कुछ ऐसी है व्यवस्थाएं

इसमें ऑक्सीजन भी जरूरत पड़ने पर मरीज को दिया जा सकता है. एक 108 नंबर एम्बुलेंस रहता है. मरीज की स्थिति गंभीर होने पर बेहतर उपचार के लिए दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है.

झारखंड के 6 जिलों में हुआ ड्राई रन मॉक ड्रिल, वैक्सीनेशन के लिए कुछ ऐसी है व्यवस्थाएं.

रांची: वर्ष 2021 की शुरुआत के साथ एक अच्छी खबर आई है. कोरोना वैक्सीन मुफ्त मिलने का एलान भी कर दिया गया है और आज देश भर में वैक्सीन देने को लेकर ड्राई रन का आयोजन किया गया. झारखंड के छह जिलों में ड्राई रन का आयोजन किया है. रांची के अलावा पलामू, चतरा, पाकुड़, पूर्वी सिंहभूम और सिमडेगा में टीकाकरण का रिर्हसल किया गया. 

इसमे रांची के सदर अस्पताल में 25 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन (डमी के रूप में देकर) इसका मॉक ड्रिल किया गया है. रांची के सिविल सर्जन और WHO  के अधिकारी मौजूद रहे. साथ ही रांची के उपायुक्त ने इसका जायजा भी लिया.

एक वैक्सीनेसन सेंटर पर तीन कमरे बनाये गए हैं. सबसे पहले कमरे में रजिस्ट्रेशन कराना होता है. फिर बेनिफिसिरी कमरा नम्बर दो, जिसमें टीका दिया जाता है. टीका लेने के बाद तीसरे कमरे में ऑब्जर्वेशन के लिए आधा घण्टा रोका जाता है. हालांकि सदर अस्पताल में एक और एक्स्ट्रा रूम तैयार किया गया है जिसमें डॉक्टर की टीम के साथ बेड की व्यवस्था की गई है. 

इसमें ऑक्सीजन भी जरूरत पड़ने पर मरीज को दिया जा सकता है. एक 108 नंबर एम्बुलेंस रहता है. मरीज की स्थिति गंभीर होने पर बेहतर उपचार के लिए दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है.

सदर अस्पताल में कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान एक स्वास्थ्य कर्मी की वैक्सीन लेने के बाद तबियत बिगड़ गयी. इसके बाद डॉक्टर की टीम ने उनका जांच किया. बीपी बढ़ा होने के कारण उन्हें रोका गया. दवा दिया गया और ऑक्सीजन भी लगाया है. दवा लेने के बाद स्वास्थ्यकर्मी ने सबकुछ ठीक होने की बात कही.

वही रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि पहले फेज में फ्रंटलाइन वारियर्स यानी स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए तमाम लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा. इसमें निजी संस्थान से लेकर सरकारी संस्थान के कर्मी डॉक्टर शामिल होंगे. हमने पहले ही यह डाटा तैयार कर लिया है. तकरीबन 20 हजार के करीब इनकी संख्या है जिन्हें वैक्सीन दिया जाना है. 

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वैक्सीन उपलब्ध होता जाएगा, वैसे वैसे ही लोगों को दिया जाएगा. इसकी सूची हमने तैयार कर ली है और आज जो मॉक ड्रिल किया है इसमें जो कमियां आएंगे उसे भी दुरुस्त कर रियल वैक्सीनेशन में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

सदर अस्पताल के सिविल सर्जन विजय बिहारी प्रसाद ने कहा कि हमारी तैयारी पूरी है. सबसे महत्वपूर्ण है सॉफ्टवेयर को चेक करना ताकि लोगों का जो रजिस्ट्रेशन हो उनका ओटीपी कितना जल्द आता है और उन्हें फिर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरा कर ऑब्जर्वेशन रूम में क्या कुछ व्यवस्था है. यह तमाम चीजों को देखा गया ताकि रियल वैक्सीनेशन में कोई परेशानी नहीं हो.

पूरी तैयारी कर ली गई है तो यह हम कह सकते हैं कि सॉफ्टवेयर का जांच सबसे महत्वपूर्ण है. उसे ही सबसे पहले देखा जा रहा है. अगर कोई खराबी होगी तो आज उसे दुरुस्त कर लिया जाएगा. जिन बेनिफिशियरी को टिका दिया जाएगा उन्हें आधे घंटे तक रुकना होगा ताकि उनमें कोई रिएक्शन ना हो इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी.

जितनी बड़ी महामारी उतना ही बड़ा वैक्सीनेशन की तैयारी की जा रही है. WHO के अधिकारी ने बताया कि इससे तैयारियों का रिहर्सल भी हो जायेगा. यह बिल्कुल टीकाकरण अभियान जैसा ही होता है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि ड्राइ रन के तहत, कोविड-19 टीके के प्रशीतन भंडार, उसकी ढुलाई के इंतजाम, टीकाकरण स्थल पर भीड़ का प्रबंधन, सोशल डिस्टैंसिंग, टीका में लगनेवाले समय की जांच किया गया है. 

टीकाकरण का मॉक ड्रिल भी किया गया. बूथ में उसी तरह डॉक्टर और नर्स रहेंगे, जैसे टीकाकरण में उन्हें रहने का प्रशिक्षण दिया गया है. इससे टीकाकरण में आनेवाली चुनौतियों का पता चलेगा. इस दौरान यदि किसी तरह के सुधार की जरूरत महसूस होती है, तो उसे चिह्नित कर समय से पहले ही सुधार कर लिया जायेगा.

हालांकि, नए साल की शुरुआत वैक्सीनेशन की खबर ने लोगों के चेहरे पर फिर से एक बार हंसी लौटा दी है. स्वास्थ्यकर्मियों की मानें तो उन्हें कोरोना से अब डर नहीं लगता, और अगर हम खुद डर जाएंगे तो दूसरे लोग कैसे लेंगे. हम सबों को मिलकर कोरोना को हराना है. इसलिए जरूर वैक्सीन लेना है. हां परिवार के लोग पहली बार सुन कर जरूर डरे थे लेकिन उनको कन्विंस किये और हम सभी वैक्सीनेशन के लिए तैयार हैं.