एसएसपी रांची अनीश गुप्ता ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए 144 के तहत विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं.
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सौरव, रांची: आज से राजधानी रांची में दो महीने तक के लिए धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. शहर के प्रमुख इलाके में धारा 144 लागू की गई है. नेपाल हाउस, राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, विधानसभा और प्रोजेक्ट भवन के आसपास की धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दिया गया है, सीआरपीसी के सेक्शन 144 के तहत प्रत्येक दो माह में आदेश जारी होता है.
राजधानी रांची के नेपाल हाउस, राजभवन मुख्यमंत्री आवास विधानसभा और प्रोजेक्ट भवन के आसपास धरना प्रदर्शन पर रोक लगाया गया है. इस मामले पर एसएसपी रांची अनीश गुप्ता ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए 144 के तहत विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं. धरना प्रदर्शन एसडीएम के अनुमति से ही चिन्हित स्थानों पर किए जा सकते हैं.
वही अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर पंचायत समिति महासंघ झारखंड प्रदेश का धरना राजभवन के समक्ष पिछले 5 अगस्त से चल रहा था, उन्हें भी आदेश मिलने के बाद धरना स्थल से हटाया गया.
वही नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि शहर के अंदर प्रतिबंध लगाया गया है. उच्च न्यायालय ने उन चुनिंदा क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन और जुलूस पर रोक है. यह कोई सरकार नया काम नहीं कर रही है, स्वाभाविक रूप से हर आदमी को राजनीतिक स्वतंत्रता है. लेकिन स्वतंत्रता का अर्थ है कि आप शांतिपूर्ण ढंग से आवाज को सरकार तक पहुंचाने का काम करें, लेकिन विपक्ष के पास कोई काम नही है तो उंगली ही उठा सकते हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव का वक्त है और जनता के 5 साल के सवालों से बचने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है. सरकार के दावे के पोल खुलने के समय आ गया इसलिए जनतांत्रिक अधिकार को दबाने का काम किया है. यह असंवैधानिक-अलोकतांत्रिक आदेश है जिसकी झामुमो निंदा करती हैं.जबकि कांग्रेस के मीडिया प्रभरी राजेश ठाकुर ने कहा यहां की सरकार जम्मू कश्मीर मोड में चल रही है. जनता की आवाज को दबाने के लिए ऐसा किया गया है.
जाहिर है शहर के चिन्हित स्थलों पर सीआरपीसी 144 सेक्शन के तहत प्रत्येक 2 माह में आदेश जारी किया जाता है,ऐसे में सत्तापक्ष शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन की बातें कर रहा है,तो विपक्ष जनता की आवाज दबाने की बात कह रही है.