बीएसयूसी के अध्यक्ष डॉ. प्रोफेसर राजवर्धन आजाद के मुताबिक, अस्टिटेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और छह साल से खाली पड़ें पदों को भरा जाएगा.
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पटना: बिहार के सरकारी विश्वविद्यालयों में एक लंबे अरसे से अस्टिटेंट प्रोफेसरों (Assitant Professors) के हजारों पद खाली पड़े हैं. जिसके बाद बिहार सरकार ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय आयोग (BSUC) की स्थापना की. जिसका मकसद ही विश्वविद्यालयों में खाली पड़े पदों को भरा जाए.
करीब छह साल बाद बिहार में एक बार फिर से अस्टिटेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया बुधवार से औपचारिक तौर से शुरू हो रही है. राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर प्रोफेसर राजवर्धन आजाद के मुताबिक, अस्टिटेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और छह साल से खाली पड़ें पदों को भरा जाएगा.
दरअसल, बिहार में अस्टिटेंट प्रोफेसरों की बहाली बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से होती थी. राज्य की यूनिवर्सिटीज में बीपीएससी (BPSC) के माध्यम से नियुक्ति हो रही थी. लेकिन जिस रफ्तार में नियुक्ति होती थी, उससे भी ज्यादा रफ्तार में प्रोफेसर रिटायर्ड हो जाते थे. जिसके बाद विश्वविद्यालयों के लिए खास तौर से बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की स्थापना की गई.
अब विश्वविद्यालय सेवा आयोग बुधवार से औपचारिक तौर से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है. आइए जानते हैं कि किस तरह से नियुक्ति होगी और कितने विषयों में कितने पद खाली हैं।
छात्रों की राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की वेबसाइट bsusc.bihar.gov.in पर जाकर दिशानिर्देशों को पढ़ना होगा
23 सितंबर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होगा
2 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख होगी
मेरिट लिस्ट के लिए 100 अंक जबकि इंटरव्यू के लिए 15 अंक निर्धारित हैं
कुल 52 विषयों में 4 हजार 638 पदों पर भर्ती होगी
विषय पदों की संख्या विषय पदों की संख्या
अंग्रेजी 253 उर्दू 100
हिन्दी 292 इतिहास 316
प्राचीन इतिहास 55 गृह विज्ञान 83
भूगोल 142 राजनीति विज्ञान 280
अर्थशास्त्र 268 दर्शनशास्त्र 135
मनोविज्ञान 424 समाजशास्त्र 108
फिजिक्स 300 केमेस्ट्री 332
गणित 261 जन्तु विज्ञान 285
पुराण 3 वनस्पति शास्त्र 333
दरअसल, विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने यहां तक पहुंचने के लिए सभी विश्वविद्यालयों से संबंधित विषयों में खाली पदों की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद खाली पदों और भर्ती से संबंधित जानकारी शिक्षा विभाग को दी. शिक्षा विभाग ने 4 हजार 638 पदों पर बहाली की मंजूरी दी.
राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर राजवर्धन आजाद के मुताबिक, बहाली की पूरी प्रकिया ऑनलाइन होगी. हालांकि, नियुक्ति प्रक्रिया में समय लगेगा. क्योंकि इतनी खाली रिक्तियों पर अभ्यर्थियों की संख्या भी काफी ज्यादा होगी. लिहाजा इंटरव्यू और मेरिट लिस्ट तैयार कर नियुक्ति में समय लगेगा.
हालांकि, अगले साल की शुरुआत में खाली पड़े अस्सिटेंट प्रोफेसर के पद भर लिए जाएंगे. बिहार के विश्वविद्यालयों के हजारों छात्रों को बिना प्रोफेसर के ही अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करनी पड़ी. पटना विश्वविद्यालय जैसी प्राइम यूनिवर्सिटी में भी कई ऐसे विभाग हैं जहां प्रोफेसर या अस्टिटेंट प्रोफेसर नहीं हैं. अब जबकि 4 हजार 638 पदों पर अस्टिटेंट प्रोफेसर की बहाली होने जा रही है. उम्मीद की जा सकती है कि बिहार की यूनिवर्सिटी में एक बार फिर शैक्षणिक माहौल दुरूस्त होगा.