अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयास से ही एक हुआ था मिथिलांचल, मैथिली को भी दिलाया सम्मान
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अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयास से ही एक हुआ था मिथिलांचल, मैथिली को भी दिलाया सम्मान

प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने मिथिलांचल की बहुप्रतिक्षित मांग को पूरा करते हुए मैथिली को अष्टम अनुसूची में जगह देने का फैसला लिया था.

अटल बिहारी वाजपेयी ने कराया था कोसी नदी पर महासेतु का निर्माण.

दरभंगा : देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं. उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए देश की सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए अनेक कदम उठाए गए थे. उनकी ही सरकार ने देश को स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की सौगात दी थी. वाजपेयी सरकार की इस योजना ने दो भाग में बंट चुके मिथिलांचल को एक करने का काम किया था.

प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने मिथिलांचल की बहुप्रतिक्षित मांग को पूरा करते हुए मैथिली को अष्टम अनुसूची में जगह देने का फैसला लिया था. इतना ही नहीं, बिहार की शोक कही जाने वाली कोसी नदी पर महासेतु के निर्माण कार्य की शुरुआत भी उनके प्रधानमंत्री रहते हुए हुई थी. 

1934 की भूकंप में दो हिस्सों में बंट गया था मिथिलांचल
इस पुल का निर्माण सुपौल के निर्मली और सरायगढ़ गांव के बीच हुआ है और यह पूर्व से पश्चिम तक जाने वाले गलियारे (असम के सिल्चर से गुजरात के पोरबंदर) का हिस्सा है. 1934 में आए विनाशकारी भूकंप के कारण इस क्षेत्र में बना संपर्क पुल ध्वस्त हो जाने के बाद क्षेत्र में सड़क संपर्क टूट गया था. वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया था. 78 वर्षों के बाद 2012 में इस पुल के बन जाने से मिथिलांचल फिर से एक हुआ.

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा, वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए कहते हैं कि पूरा मिथिलांचल उनका ऋणी है. चाहे वह कोसी महासेतु का निर्माण हो या फिर मैथिली को उसका सम्मान दिलाना या फिर ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का मिथिलांचल के एक बड़े हिस्से से गुजरा, मिथिला के लिए उनका योगदान अद्भुत रहा है.

उन्होंने कहा कि वाजपेयी हर मैथिल के दिलों पर राज करते हैं. 1934 के भुकंप के कारण दो हिस्सों में बंट चुके मिथिलांचल को उन्होंने एक करने का काम किया. वाजपेयी जी के कारण ही आज मैथिली विषय से कई छात्र यूपीएससी की परीक्षा पास कर रहे हैं. ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (NH-57) से पूरे इलाके की तस्वीर बदली है.