बिहार: निर्वाचन शाखा की करतूत, जेल जा चुके शख्स को बनाया दिव्यांग मतदाताओं का आइकन
सतीश पर 2017 की परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक करने का न सिर्फ आरोप है, बल्कि इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे उसके रैकेट के साथ गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था.
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औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद (Aurangabad) में जिला निर्वाचन शाखा की करतूत उजागर हुई है. जेल की हवा खा चुके कोचिंग संचालक को बना दिया दिव्यांग मतदाताओं (Physically Challenged) का आइकन. मामले ने तूल पकड़ा तो जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए. अन्य समितियों की जांच कराये जाने की भी अब मांग उठने लगी है.
औरंगाबाद जिला निर्वाचन कोषांग द्वारा इंटर का प्रश्नपत्र लीक करने और उसे अपने नेटवर्क के माध्यम से वायरल करने के मामले में जेल जा चुके कोचिंग संचालक सतीश रंजन को दिव्यांग मतदाताओं का आइकन बनाये जाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. सतीश पर 2017 की परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक करने का न सिर्फ आरोप है, बल्कि इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे उसके रैकेट के साथ गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था.
उसी सतीश को निर्वाचन शाखा के द्वारा आइकन बना दिए जाने के बाद मामला अब तूल पकड़ने लगा है. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले में स्वतः संज्ञान ले लिया हैच. अपने स्तर से इसकी जांच भी करा रही है, लेकिन जिला प्रशासन की इस कारनामे के सामने आ जाने के बाद लोगों ने इस तरह की अन्य समितियों की गहन जांच कराये जाने की मांग भी की है.
मामले को तूल पकड़ता देख जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने गलती स्वीकार करते हुए इसकी सघन जांच करने का आदेश सदर अनुमंडलाधिकारी को दिया है और कहा है कि जल्द ही उसे हटाकर इस भूल को सुधार लिया जायेगा.
दागी सतीश न सिर्फ दिव्यांग मतदाताओं का आइकन है, बल्कि पीडब्ल्यूडी यानी लोक निर्माण विभाग का भी ब्रांड एम्बेस्डर मनोनित है. जरुरत है इस तरह की अन्य समितियों का जल्द से जल्द जांच कराने, ताकि उन समितियों में पदेन सतीश जैसे अन्य व्यक्तियों का भी खुलासा हो सके.
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