झारखंड में हेल्थ इमरजेंसी का हो ऐलान, CM समेत पूरी सरकार सोयी हुई है: बाबूलाल मरांडी
Jharkhand News: बाबूलाल मरांडी ने कहा की कोरोना को लेकर स्थिति भयावह है, लेकिन सरकार लापरवाह है. सरकार के पास काफी फंड है, जिससे जरूरी उपकरण खरीदे जाने चाहिए और खुद सीएम को व्यवस्थाओं का जायजा लेना चाहिए.
Ranchi: झारखंड में एक तरफ कोरोना संक्रमण तबाही मचा रहा है. तो दूसरी ओर बिगड़ते हालत को लेकर सियासत भी चल रही है. दरअसल, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच राज्य में मधुपुर का उपचुनाव होना है. अब मधुपुर उपचुनाव (Madhupur bypoll 2021) में जीत के दावे पर राजनीति तो हो ही रही है. साथ ही साथ, कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने भी राजनीति को चरम पर पहुंचा दिया है. संक्रमण जिस रफ्तार से पांव पसार रहा है. उसे देखते हुए विपक्ष सूबे में इमरजेंसी हालात घोषित करने की मांग कर रहा है. तो वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष को स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राजनीति ना करने की सलाह दे रहा है.
झारखंड में कोरोना बेकाबू हो रहा है. संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ मौत का सिलसिला भी थम नहीं रहा. सरकार लगातार कोरोना संक्रमितों के लिए अस्पतालों में बेड बढ़ाने का निर्देश दे रही है. फिर भी बेड के लिए मरीजों का काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. ऐसे हालात में बीजेपी ने राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने कहा की कोरोना को लेकर स्थिति भयावह है, लेकिन सरकार लापरवाह है. सरकार के पास काफी फंड है, जिससे जरूरी उपकरण खरीदे जाने चाहिए और खुद मुख्यमंत्री को व्यवस्थाओं का जायजा लेना चाहिए.
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बाबूलाल मरांडी ने कहा की यही स्थिति रही तो राज्य बर्बाद हो जाएगा. उन्होंने राज्य सरकार से राज्य में हेल्थ इमरजेंसी (Health Emergency) घोषित करने की मांग की है. साथ ही सलाह दी की सामुदायिक अस्पतालों (CHC) को भी कोविड सेंटर घोषित कर देना चाहिए. वहीं, विपक्ष की मांग पर सत्ता पक्ष की ओर से भी पलटवार किया गया. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा की अगर बाबूलाल मरांडी को इतनी ही फिक्र है, तो उन्हें केंद्र सरकार से राज्य की जरूरतों को पूरा करने की मांग करनी चाहिए.
मिथिलेश ठाकुर ने कहा की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) 24 घंटे तमाम चीजों पर नजर बनाए हुए हैं, और राज्य अपने संसाधनों का 100 फीसदी इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन गैर बीजेपी शासित प्रदेश होने की वजह से केंद्र झारखंड की अनदेखी कर रहा है. वहीं, विपक्ष के राज्य में इमरजेंसी के हालात घोषित करने की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी प्रतिक्रिया दी. बन्ना गुप्ता ने कहा की स्वास्थ्य विभाग राजनीति का अड्डा नहीं बल्कि सेवा का जरिया है, मानवता और धर्म का विभाग है. उन्होंने कहा की लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिले यही हमारी प्राथमिकता है, लोग कैसे ठीक हों, कैसे बेड मिले इस पर हमारा ध्यान है. इसके अलावा कोई क्या कह रहा ये जानने की फुरसत नहीं है.