दरअसल, जो बाबूलाल कल तक बीजेपी की नीतियों का खुलकर विरोध करते नजर आ रहे थे, वो अब बीजेपी का समर्थन करते दिख रहे हैं. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मुझे लगता है कि सीएए बिल्कुल क्लियर है.
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रांची: झारखंड में अंदर खाने चर्चा है कि जेवीएम (JVM) और बीजेपी (BJP) के रणनीतिकारों के बीच दिल्ली में बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) के घर वापसी का खांका तैयार हो चुका है. इसके साथ ही जेवीएम का बीजेपी में भी विलय भी होगा, इसीलिए बीजेपी और उसकी नीतियों को लेकर पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के बोल बदलने लगे हैं.
दरअसल, जो बाबूलाल कल तक बीजेपी की नीतियों का खुलकर विरोध करते नजर आ रहे थे, वो अब बीजेपी का समर्थन करते दिख रहे हैं. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मुझे लगता है कि नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) बिल्कुल क्लियर है. उन्होंने कहा कि जो एक्ट सरकार ने पास किया है, वो किसी के विरोध में नहीं है, इसलिए उसका किसी को विरोध नहीं करना चाहिए.
जेवीएम प्रमुख ने कहा कि एक्ट में बंगलादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई आते हैं, उनको भारत की नागरिकता देने की बात है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर किसी की नागिरकता को समाप्त करने की बात होती तब इसका विरोध होना चाहिए था.
इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार को सीएए के बारे में लोगों को समझाना चाहिए और इसके लिए वो भी कोशिश कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी बाबूलाल को लेकर कोई साफ प्रतिक्रिया नहीं दे रही है. हालांकि, बीजेपी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव बाबूलाल मरांडी को झारखंड का बड़ा नेता बताया है.
समीर उरांव ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है कि बाबूलाल मरांडी बीजेपी में शामिल होने वाले हैं, लेकिन इतना जरूर है कि वो राज्य के बड़े नेता हैं. साथ ही वो केंद्र में मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं.
वहीं, जेएमएम (JMM) की मानें तो बाबूलाल की राजनीतिक मजबूरी है, जो वो सीएए के समर्थन में बयान देने लगे हैं. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी बीजेपी में जाने की तैयारी कर रहे हैं इसलिए इस तरह के बयान दे रहे हैं.
मनोज पांडेय ने आगे कहा कि मुझे लगता है बाबूलाल राजनीति के उस मोड़ पर पहुंच चुके हैं जहां उनके बयान का कोई मतलब नहीं. उन्होंने कहा था कि वो मरते दम तक बीजेपी में नहीं जाएंगे, पर महसूस होता है कि वो भारतीय जनता पार्टी में जाने की कवायद कर रहे हैं.
जेएमएम नेता ने कहा कि बाबूलाल मरांडी की बातों को कितना तबज्जो दिया जाए जब अपने ही बयान में इतना उलट फेर करे रहे हैं. हालांकि, जेवीएम ने जिस तरह से बंधु तिर्की को पार्टी से बाहर किया है और प्रदीप यादव को विधायक दल के नेता से हटाया है, उससे इस बात को जोर मिल रहा है कि बाबूलाल बीजेपी में शामिल होंगे.
इसके साथ ही जेवीएम ने यूपीए को दिया अपना समर्थन भी बीते दिनों वापस ले लिया है. ऐसे में जेवीएम के बीजेपी में विलय को लेकर कयासों के बाजार गर्म हैं.