मधेपुरा: बाबा भोले की नगरी में प्रतिबंधित कफसिरप-शराब के कारोबार की धूम, पुलिस बनी मूकदर्शक
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मधेपुरा: बाबा भोले की नगरी में प्रतिबंधित कफसिरप-शराब के कारोबार की धूम, पुलिस बनी मूकदर्शक

इतना हीं नहीं खड़े-खड़े हलक के अंदर डाल कर तुरंत रफूचक्कर हो जाते हैं. स्थानीय पुजारियों की मानें तो बाबा के शिवगंगा तालाब पर दो नंबर का काम होता है. 

मधेपुरा: बाबा भोले की नगरी में प्रतिबंधित कफसिरप-शराब के कारोबार की धूम, पुलिस बनी मूकदर्शक.

शंकर/मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा में बिहार सरकार के शराबबंदी कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है. यहां पर नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. जिले में देसी व विदेशी शराब के इतर प्रतिबंधित कफ सिरप का कारोबार भी चरम पर है.

दरअसल, उत्तर बिहार के मधेपुरा में अवस्थित प्रसिद्ध बाबा भोले की नगरी सिंहेश्वर धाम स्थित, मंदिर परिसर के शिव गंगा तालाब इन दिनों बना नसेड़ियों का अड्डा बन गया है. प्रतिबंधित कफ सिरप की बोतल से शिवगंगा तालाब पटा पड़ा है. 

नशे का अवैध कारोबार अब देवाधिदेव महादेव की नगरी में अपना पैर पसार चुका है. नशे के कारोबारियों और नशेड़ियों ने सिंहेश्वर धाम के पवित्र शिवगंगा को हीं अपना अड्डा बना लिया है. 

आलम यह है कि अब तो नशेड़ी लोग शाम ढ़लने तक का भी इंतजार नहीं करते हैं. वहीं दिन के उजाले में हीं प्रतिबंधित कफ सिरफ का प्रयोग करते हैं.

इतना हीं नहीं खड़े-खड़े हलक के अंदर डाल कर तुरंत रफूचक्कर हो जाते हैं. स्थानीय पुजारियों की मानें तो बाबा के शिवगंगा तालाब पर दो नंबर का काम होता है. 

नशे के इस कारोबार में कई रसूखदार लोगों के शामिल होने की बात भी सामने आती है. जिस कारण लोग कारोबार के विषय में कुछ भी बोलने से बचते दिखते हैं. इसी का असर यह है कि भगवान का घर सिंहेश्वर मंदिर परिसर भी इस नशे के कारोबार से अछूता नहीं रह गया है.

शिवगंगा में और आस पास बिखरे प्रतिबंधित कफ सिरप की बोतलें अपनी कहानी खुद बयां कर रही है. इस संबंध में मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग भी कुछ भी बोलने से कतराते हैं. वहीं मधेपुरा एसपी योगेन्द्र कुमार की मानें तो मधेपुरा पुलिस नशे के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित काफ सिरप पकड़े भी गए हैं. 

साथ हीं इन मामले को लेकर उन्होंने बताया कि स्थानीय थाना को इलाके में छापेमारी का आदेश दे दिया गया है. जल्द इस दिशा में कार्रवाई की जाएगी.