बिहार कैबिनेट का फैसला, स्पीडी ट्रायल से निपटाया जाएगा मॉब लिंचिंग का मामला
Advertisement

बिहार कैबिनेट का फैसला, स्पीडी ट्रायल से निपटाया जाएगा मॉब लिंचिंग का मामला

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में (गुरुवार) को कैबिनेट मीटिंग में कुल 42 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है.

नीतीश कुमार ने कैबिनेट मीटिंग में 42 एजेंडों पर मुहर लगाई है. (फाइल फोटो)

पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में (गुरुवार) को कैबिनेट मीटिंग की गई. मीटिंग में कुल 42 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला मॉब लिंचिंग को लेकर लिया गया है. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक बिहार सरकार ने 'हिंसा पीड़ित प्रतिकार स्कीम' को मंजूरी दे दी है.

कैबिनेटे के फैसले में कहा गया है कि अब मॉब लिंचिंग के मामलों का निपटारा स्पीडी ट्रायल के माध्यम से किया जाएगा. साथ ही 6 महीनों के अंदर मामले का निपटारा किया जाएगा. वहीं, सरकार ने कहा है कि ऐसी किसी भी प्रकार की हिंसा में पीड़ित व्यक्ति या उसके परिवार को एक लाख रुपए तक की सरकारी सहायता भी दी जाएगी.

कैबिनेट मीटिंग में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को भी मंजूरी दी गई है. जिसमें संविदा कर्मियों को लेकर फैसला लिया गया है. बिहार सरकार ने संविदा कर्मियों के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी की अनुशंसा को अपनी मंजूरी दे दी है. हालांकि इसमें आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती किया गया कर्मी शामिल नहीं हैं.

वहीं, सरकार ने कमेटी को तीन माह के लिए एक्सटेंशन भी दिया है. इसलिए अन्य सेवाओं के कर्मियों को भी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा.

बिहार कैबिनेट मीटिंग में लिए गए अन्य फैसले

>बागवानी मिशन के लिए लिए 42.43 करोड़ स्वीकृत की गई.

>डिग्री कालेजो में 1485 पदों के सृजन करने की मंजूरी.

>आर्यभट्ट ज्ञान विवि के लिए 122 करोड़ की स्वीकृत.

>भवन निर्माण विभाग के बिड में बदलाव किया जाएगा.

>50 करोड़ से अधिक का टेंडर में बदलाव का फैसला.

>महिला कॉलेज के लिए 33.69 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई.

>ग्रामीण क्षेत्रो के सड़को के लिए सरकार 45 मिलियन ऋण लेगी.

>गेंडा संरक्षण के लिए 1.55 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई.