बिहार : देश में पहली बार कृषि अग्रिम अनुदान योजना की शुरुआत
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बिहार : देश में पहली बार कृषि अग्रिम अनुदान योजना की शुरुआत

मुख्यमंत्री ने कहा, 'सब्जी उत्पादन में बिहार तीसरे स्थान पर है, लेकिन यहां सब्जी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने दावा किया कि सब्जी उत्पादन के मामले में बिहार जल्द ही दूसरे स्थान पर पहुंचेगा और हमारा लक्ष्य है सब्जी उत्पादन में बिहार पहले स्थान पर पहुंचे.' 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बिहार काफी आगे बढ़ा है. (Image-IANS)

पटना : देश में पहली बार बिहार में शनिवार को 'कृषि अग्रिम अनुदान' योजना की शुरुआत हुई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार कृषि के क्षेत्र में इंद्रधनुषी क्रांति लाना चाहती है. इस योजना के तहत प्रथम चरण में राज्य के चार जिलों समस्तीपुर, नालंदा, पटना और वैशाली के 20,173 किसानों को जैविक सब्जी उत्पादन के लिए कृषि अग्रिम अनुदान के जरिए उनके बैंक खाते में 6,000 रुपये राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया. 

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बिहार काफी आगे बढ़ा है. धान उत्पादन में हमने चीन को पीछे छोड़ा है, जबकि गेहूं और मक्का के उत्पादन में हम राष्ट्रीय औसत से आगे हैं. सब्जी की खेती में हमको तीसरे से पहले स्थान पर आना है. बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने किसानों को खेती से पहले ही अनुदान देना शुरू किया है. सब्जी की जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार जिले के 20152 किसानों को अनुदान दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को मिल रही अनुदान राशि बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा, 'तीसरे कृषि रोडमैप की योजना के अनुरूप बहुत तेजी से काम शुरू कर दिया गया है. कृषि के विकास के लिए वर्ष 2008-12 में पहला कृषि रोडमैप बनाया गया था. 2005 से जब हमने बिहार की बागडोर संभाली, तभी से निरंतर हर क्षेत्र में विकास का काम हमने शुरू किया.' 

उन्होंने कहा, 'हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, नीली क्रांति की बात तो सभी करते रहे हैं, हमने कृषि के विकास के लिए इंद्रधनुषी क्रांति और सप्तक्रांति की बात कही और इस दिशा में काम भी शुरू किया.' 

मुख्यमंत्री ने कहा, 'सब्जी उत्पादन में बिहार तीसरे स्थान पर है, लेकिन यहां सब्जी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने दावा किया कि सब्जी उत्पादन के मामले में बिहार जल्द ही दूसरे स्थान पर पहुंचेगा और हमारा लक्ष्य है सब्जी उत्पादन में बिहार पहले स्थान पर पहुंचे.' 

उन्होंने कहा, 'गंगा की अविरलता और निर्मलता कायम रखने के लिए हमने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बिहार के चार जिलों में गंगा के दोनों किनारों को जैविक खेती से सब्जी उत्पादन के लिए चुना है. जैविक कॉरिडोर में कुल नौ जिले हैं, जिनमें से चार जिलों में काम शुरू किया गया है.' 

उन्होंने कहा कि बहुत अध्ययन के बाद यह बात सामने आई है कि सबसे अच्छी मदद किसानों को लागत के समय ही सहायता मुहैया कराना है. इस मौसम में अधिकतम 30 डिसमिल जमीन वाले किसानों को प्रति किसान 6000 रुपये का अग्रिम अनुदान जैविक तरीके से सब्जी उत्पादन के लिए उपलब्ध कराया गया है. अगले मौसम में भी इसे जारी रखा जाएगा, जिससे किसान प्रभावित होकर जैविक खेती की ओर आकर्षित हो सकें.

कृषि विभाग की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि के क्षेत्र में अच्छी उपलब्धियां हैं, लेकिन अभी भी बड़ा लक्ष्य प्राप्त करना है.  इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने भी लोगों को संबोधित किया.

(एजेंसी इनपुट के साथ)