बिहारः अज्ञात बीमारी से एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत, तीसरे बच्चे की हालत गंभीर
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बिहारः अज्ञात बीमारी से एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत, तीसरे बच्चे की हालत गंभीर

बिहार के अररिया जिले में एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई. वहीं, तीसरे बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है.

अररिया में एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत.

अररियाः बिहार के अररिया जिले में एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई. वहीं, तीसरे बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि दो सगे भाईयों की मौत अज्ञात बीमारी की वजह से हो गया है. डॉक्टरों से इलाज कराने के बावजूद बीमारी के बारे में पता नहीं चल पाया. जिसके बाद दो सगे भाईयों की मौत एक-एक कर हो गई. इस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है.

एक परिवार के दो बच्चों की मौत के बाद इलाके में जहां कोहराम मचा है. वहीं, घर के तीसरे बच्चे की भी गंभीर हालत बनी हुई है. अज्ञात बिमारी से बच्चों की बात सुनकर अब स्वास्थ्य महकमा भी सकते में है. घटना अररिया के हड़ियाबाड़ा गांव की है.

जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर दूरी पर बसा अररिया प्रखंड के हडियाबाड़ा गांव में अज्ञात बीमारी से वार्ड नंबर 11 में रह रहे एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई. दोनों बच्चे सगे भाई थे. इसके अलावा अब घर के तीसरे बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है. परिवारवालों को समझ नहीं आ रहा है कि उनके घर में क्या हो रहा है.

खबरों के मुताबिक, मृतक के पिता सऊद आलम ने बताया कि गुरुवार को छोटे बच्चे की तबीयत बिगड़ गई थी. कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन किसी ने इलाज नहीं किया. अंत में सदर अस्पताल गए तो डॉक्टरों ने पूर्णिया रेफर कर दिया. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

वहीं, घर आने पर दूसरे बच्चे की भी मौत रात को दो बजे हो गई. साथ ही तीसरे बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है. इस घटना के बाद से घर में कोहराम मचा है. एक ही परिवार के दो चिरागों के चले जाने से स्थिति भयावह हो गई है.

बीमारी के लेकर स्थानीय सरपंच ने कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है तीन साल पहले भी एक ही परिवार से दो बच्चों की मौत हो गई थी. उस वक्त डॉक्टरों ने बताया था कि मौत इंसेफेलाइटिस की वजह से हुई है. अभी भी यह कहा जा रहा है कि इस बार भी बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस की वजह से ही हुई है. क्योंकि बच्चों की तेज बुखार के बाद मौत हुई है.

हालांकि सवाल यह है कि जब बच्चों को इलाज के लिए डॉक्टरों के पास ले जाया गया तो डॉक्टर बच्चों को उचित इलाज क्यों नहीं कर पाए. इंसेफेलाइटिस डॉक्टरों की पकड़ में कैसे नहीं आ सकी. वहीं, सदर अस्पताल की स्थिति भी ऐसी है कि यहां मरीजों को इलाज करने के बजाय रेफर किया जाता है.

वहीं, अब स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है. डॉक्टरों की टीम के साथ गांव पहुंचकर बच्चों का स्वास्थ्य परिक्षण किया गया. बीमारी के बारे में सीएस से पूछे जाने पर कहा गया कि जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी. इससे पहले कुछ नहीं कहा जा सकता है.