बिहार: 3.7 लाख ट्रेंड शिक्षकों के वेतन मामले में सरकार ने रखा पक्ष, कल भी चलेगी सुनवाई
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बिहार: 3.7 लाख ट्रेंड शिक्षकों के वेतन मामले में सरकार ने रखा पक्ष, कल भी चलेगी सुनवाई

राज्य के 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में एएम स्प्रे और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. 

अगर फैसला शिक्षकों के पक्ष में होता है तो शिक्षकों का वेतन 35-44 हजार रुपए हो जाएगा (फाइल फोटो)

पटना: बिहार के नियोजित शिक्षकों को समान काम करने के लिए समान वेतन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई लेकिन इस मामले में कल भी सुनवाई होगी. आज सु्प्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने अपना पक्ष रखा. ऐसा माना जा रहा था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है लेकिन अब कल की सुनवाई के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी. 

आपको बता दें कि राज्य के 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में एएम स्प्रे और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. दरअसल इस मामल में पटना हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर 2017 को नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. 

नियोजित शिक्षकों को समान काम समान वेतन मामले में पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था जब चपरासी को 36 हजार रुपए वेतन दे रहे हैं, तो फिर छात्रों का भविष्य बनाने वाले शिक्षकों को मात्र 26 हजार ही क्यों? इसके पहले 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर राज्य सरकार को झटका दिया था.कोर्ट ने तब सरकार को यह बताने के लिए कहा था कि नियोजित शिक्षकों को सरकार कितना वेतन दे सकती है? इसके लिए लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी तय कर बताए.

दरअसल, बिहार में करीब 3.7 लाख नियोजित शिक्षक काम कर रहे हैं. शिक्षकों के वेतन का 70 फीसदी पैसा केंद्र सरकार और 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार देती है.वर्तमान में नियोजित शिक्षकों (ट्रेंड) को 20-25 हजार रुपए वेतन मिलता है. अगर समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग मान ली जाती है तो शिक्षकों का वेतन 35-44 हजार रुपए हो जाएगा