रिटायर डीजीपी केएस द्विवेदी अब लॉ के छात्रों को कानून की शिक्षा देंगे.
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पटनाः बिहार पुलिस के डीजीपी पद से रिटायर हुए केएस द्विवेदी अब नई भूमिका में नजर आएंगे. रिटायरमेंट के बाद द्विवेदी टीचर की भूमिका ने नजर आएंगे. केएस द्विवेदी ने इस बात का खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि वो अब लॉ के स्टूडेंट्स को पढाएंगे. भागलपुर दंगे की घटना में उनके नाम से जोड़कर देखे जाने पर द्विवेदी ने कहा कि भागलपुर दंगा संयोगवश हुई घटना थी. जिन्हें मामले की जानकारी नहीं वही इस पर विवाद खड़े करते हैं. मैं अपने पूरे कार्यकाल से पूरी तरह संतुष्ट हूं.
गुरुवार को रिटायर हुए पूर्व डीजीपी केएस द्विवेदी अब पुलिसिंग से अलग नयी भूमिका में नजर आएंगे. द्विवेदी ने बच्चों को पढाने का फैसला लिया है. जी मीडिया से बातचीत में द्विवेदी ने कहा कि सिविल सर्विसेज में उनका सब्जेक्ट लॉ था. इसलिए उनकी इच्छा है कि वो लॉ के स्टूडेंट्स को पढायें. द्विवेदी ने राजनीति में आने की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है.
पूर्व डीजीपी ने कहा कि एक मार्च 2018 में उन्हें डीजीपी की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. ग्यारह महीने के कार्यकाल को निवेश का वर्ष केएस द्विवेदी ने बताया है. केएस द्विवेदी ने कहा कि मेरे ग्यारह महीने के कार्यकाल में पुलिस विभाग को कई नये भवन मिले. नया पुलिस मुख्यालय मिला, राजगीर में नया बिहार पुलिस ऐकेडमी मिला. ग्यारह महीनों में 1 हजार से अधिक पुलिस के वाहनों की खरीद की गयी. बिहार पुलिस को 120 डीएसपी मिले, 10 हजार सिपाहियों की बहाली हुई, 200 इंस्पेक्टर की पदोन्नति डीएसपी में हुई. सिपाही से लेकर एएसआई तक की पदोन्नति हुई. केएस द्विवेदी ने कहा कि वो अपने कार्यकाल से संतुष्ट हैं.
पूर्व डीजीपी ने कहा कि अपनी सर्विस के दौरान कभी उंच नीच हो जाने पर वो विचलित नहीं होते थे. काम के दौरान कभी भी उधेरबुन की स्थिती नहीं रही. काम के दौरान गलतियां हो सकती हैं. कही आरोप भी लग सकते हैं. कुछ देर के लिए मानसिक उत्पीडन जरुर होती थी. लेकिन आप काम में नियम कानून का ख्याल रखते हैं तो जीत आपकी सुनिश्चित होती है.
केएस द्विवेदी का सबसे चर्चित कार्यकाल भागलपुर एसपी रहते हुए भागलपुर दंगे का था. उनके डीजीपी बनने के बाद भी कई तरह के सवाल उठाये जा रहे थे. भागलपुर दंगे को लेकर केएस द्विवेदी ने कहा कि दंगा संयोगवश हुई घटना थी. लीगल प्रोसेस के साथ सारी घटना खत्म हो चुकी है. जिन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं होती वहीं इस तरह के सवाल उठाते हैं.