बिहार सरकार का बड़ा फैसला, राजकीय समारोह के रूप में मनाई जाएगी अरुण जेटली की जयंती
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बिहार सरकार का बड़ा फैसला, राजकीय समारोह के रूप में मनाई जाएगी अरुण जेटली की जयंती

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना भवन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि मंत्रिमंडल की इस बैठक में कुल 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. 

अरुण जेटली की जयंती प्रत्येक वर्ष 28 दिसम्बर को राजकीय समारोह के रूप में मनाए जाने की स्वीकृति दी गई. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को 2019 की अंतिम बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. बैठक में जहां ड्यूटी से गायब रहने वाले 16 चिकित्सकों पर गाज गिरी है और इन सभी को बर्खास्त कर दिया गया है, वहीं बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अब हर साल 28 दिसंबर को दिवंगत अरुण जेटली की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाई जाएगी. 

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना भवन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि मंत्रिमंडल की इस बैठक में कुल 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. 

उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अन्तर्गत भारत के पूर्व वित्तमंत्री दिवंगत अरुण जेटली की जयंती प्रत्येक वर्ष 28 दिसम्बर को राजकीय समारोह के रूप में मनाए जाने की स्वीकृति दी गई.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 16 डॉक्टरों को बर्खास्त करने का निर्णय भी लिया गया है. सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने लंबे अरसे से ड्यूटी से गायब रहने के आरोप में इन डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी. 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले की बैठक में भी विभाग ने कई डॉक्टरों को बर्खास्त किया था. 

बैठक में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्त और दहेज उन्मूलन को लेकर 19 जनवरी को पूरे बिहार में मानव श्रंखला बनेगी, जिसमें कुल 19़ 44 करोड़ रुपये की राशि खर्च होने का अनुमान है. इस मानव श्रंखला में खर्च की जाने वाली राशि को भी मंत्रिमंडल की इस बैठक में मंजूरी दी गई.