बिहार: सरकारी कर्मचारी अब राज्‍य के बाहर भी नहीं पी सकेंगे शराब, अन्‍यथा जाएगी नौकरी
Advertisement

बिहार: सरकारी कर्मचारी अब राज्‍य के बाहर भी नहीं पी सकेंगे शराब, अन्‍यथा जाएगी नौकरी

पिछले वर्ष अप्रैल महीने से पूर्ण मद्य निषेध नीति और बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के आलोक में राज्य मंत्रिपरिषद ने मादक पेय और औषध सेवन को लेकर बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 में संशोधन तथा बिहार जुडिशियल आफिसर्स कंडक्ट रूल्स, 2017 को बीते दिनों बिहार सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी। नीतीश कैबिनेट के इस फैसले के अनुसार, सरकारी कर्मचारी को सर्विस रूल के तहत शराब पीने पर बैन लगा दिया गया है।

फाइल फोटो

पटना : पिछले वर्ष अप्रैल महीने से पूर्ण मद्य निषेध नीति और बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के आलोक में राज्य मंत्रिपरिषद ने मादक पेय और औषध सेवन को लेकर बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 में संशोधन तथा बिहार जुडिशियल आफिसर्स कंडक्ट रूल्स, 2017 को बीते दिनों बिहार सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी। नीतीश कैबिनेट के इस फैसले के अनुसार, सरकारी कर्मचारी को सर्विस रूल के तहत शराब पीने पर बैन लगा दिया गया है।

बिहार में लागू शराबबंदी को और सख्‍त करते हुए सरकारी कर्मचारियों के सर्विस रूल में यह संशोधन किया गया। इसके मुताबिक सरकारी कर्मचारी या फिर न्यायिक सेवा के अधिकारी के शराब पीने पर पूरी तरीके से रोक लगा दी गई है। संशोधित प्रस्ताव के बाद सरकारी कर्मचारी या फिर न्यायिक सेवा का अधिकारियों के कहीं भी शराब और मादक पदार्थ के इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया गया। इस नए नियम के बाद यदि बिहार में अब शासकीय कर्मचारियों ने शराब पी तो उनकी नौकरी जा सकती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधानसचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि मादक पेय और औषध सेवन को लेकर पटना उच्च न्यायालय के महानिबंधक से प्राप्त प्रस्ताव के आलोक में मंत्रिपरिषद ने न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए बिहार जुडिशियल आफिसर्स कंडक्ट रूल्स, 2017 को तथा सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी।

उन्होंने बताया कि बिहार जुडिशियल आफिसर्स कंडक्ट रूल्स 2017 के अनुसार कोई भी न्यायिक सेवा के पदाधिकारी मादक पेय या औषध का उपभोग नहीं करेंगे। प्रत्येक न्यायिक सेवा के पदाधिकारी तत्समय जिस क्षेत्र हों, उस क्षेत्र में लागू मादक पेय या औषध संबंधी विधि का कडाई के साथ अनुपालन करेंगे। ब्रजेश ने बताया कि बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 में प्रस्तावित संशोधन के तहत कोई सरकारी सेवक मादक पेय या औषध के प्रभाव में नहीं आएंगे। प्रत्येक सरकारी सेवक तत्समय जिस क्षेत्र हो उस क्षेत्र में लागू मादक पेय या औषध संबंधी विधि का कड़ाई के साथ अनुपालन करेगा।

उन्होंने बताया कि पूर्व में सरकारी सेवक आचार नियमावली के अनुसार कोई भी कर्मचारी कार्य स्थल पर मादक पेय अथवा औषध का उपभोग नहीं कर सकते थे, पर अब बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के लागू हो जाने के बाद वे कहीं भी इसका उपभोग नहीं कर सकेंगे। ब्रजेश ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने पटना में बन रहे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन केंद्र का नाम सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र रखे जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

उन्होंने बताया कि बिहार उच्च न्याय सेवा (संशोधन) नियमावली 2017 को भी मंजूरी प्रदान कर दी जिसके तहत अब प्रत्येक वर्ष कम से कम एक बार नियुक्तियां की जा सकती हैं। राज्य मंत्रिपरिषद ने कुल 37 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की।

गौर हो कि बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्‍य में 5 अप्रैल, 2016 को शराबबंदी लागू करने का फैसला किया था।