बिहार सरकार 'टैबलेट' देने पर विचार कर रही है:सुशील
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बिहार सरकार 'टैबलेट' देने पर विचार कर रही है:सुशील

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शीघ्र ही बिहार में श्रम नीति लागू की जाएगी. इस दिशा में चर्चाएं अंतिम चरण में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी इच्छा है कि बिहार श्रम नीति को शीघ्र लागू कर दिया जाए. 

सुशील मोदी ने कहा कि शीघ्र ही बिहार में श्रम नीति लागू की जाएगी. (FILE)

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि 'कुशल युवा कार्यक्रम' के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को राज्य सरकार 'टैबलेट' देने पर विचार कर रही है. पटना के अधिवेशन भवन में श्रम संसाधन विभाग की ओर से 'श्रम कल्याण दिवस' के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुशील ने कहा कि 'कुशल युवा कार्यक्रम' के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को राज्य सरकार 'टैबलेट' देने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार यह तय करेगी कि प्रशिक्षित युवाओं को टैबलेट दिया जाए या उसके बदले राशि दी जाए. 

'बिहार में जल्द श्रम नीति लागू की जाएगी'
सुशील ने कहा कि शीघ्र ही बिहार में श्रम नीति लागू की जाएगी. इस दिशा में चर्चाएं अंतिम चरण में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी इच्छा है कि बिहार श्रम नीति को शीघ्र लागू कर दिया जाए. शीघ्र ही बिहार की भी अपनी एक श्रम नीति होगी. उन्होंने कहा कि हाथ और शरीर से श्रम करने वालों को सम्मान दिए बिना कोई भी समाज और देश आगे नहीं बढ़ सकता है. यह गलत सोच है कि दिमाग से काम करने वाले ज्यादा महत्वपूर्ण काम और हाथ से काम करने वाले अपेक्षाकृत कम महत्व के काम करते हैं.

बाल श्रम उन्मूलन पर जोर देते हुए सुशील ने कहा कि केवल कानून बना देने से किसी भी सामाजिक बुराई को खत्म नहीं किया जा सकता है. हम सबको आज ही संकल्प लेना चाहिए कि अपने घरों में घरेलू कार्यों के लिए किसी बच्चे को मजदूर के तौर पर नहीं रखेंगे. घरेलू कामगारों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने पर सरकार विचार कर रही है. नौकरी देने-दिलाने के नाम पर ठगी करने वालों का भी सरकार नकेल कसेगी.

'मजदूरों को कुशल बनाने की जरूरत'
उन्होंने कहा कि मजदूरों को कुशल बनाने की आज जरूरत है. कुशल और हुनरमंद मजदूर न केवल बेहतर नौकरी प्राप्त करने में सफल होते हैं बल्कि उनकी कमाई भी अधिक होती है. सुशील ने कहा कि पूर्व में जब वे श्रम संसाधन विभाग के मंत्री थे तो निजी क्षेत्र में आईटीआई खोलने की अनुमति दी. नतीजतन पहले जहां बिहार में मात्र 55 आईटीआई थी वहीं अब करीब एक हजार हैं. निजी आईटीआई संचालकों को उन्होंने चेतावनी भी दी कि वे मानक गुणवत्ता का ख्याल रखें केवल सर्टिफिकेट नहीं बांटे वरना परेशानी में पड़ जाएंगे.

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने बाल श्रम उन्मूलन तथा किशोर श्रम निषेध एवं विनियमन के लिए राज्य कार्य योजना, 2017 तथा बाल श्रम निषेध हेतु सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन रणनीतिक दस्तावेज लोकार्पित किए. इसके अलावा उन्होंने बिहार भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत निबंधित एवं अहर्ता प्राप्त श्रमिकों के बीच अनुदान एव निबंधन पत्र वितरित किया.