दिल्ली/पटना: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा है कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष ने जिस उम्मीदवार को उतारा है वह हर तरह से मजबूत दावेदार हैं. वहीं, एनडीए के तरफ से जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है उनका राजनीतिक करियर भी महागठबंधन के उम्मीदवार के मुकाबले कम है. 


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विपक्ष ने उतारा स्पीकर उम्मीदवार
दरअसल, बिहार विधानसभा अध्यक्ष को लेकर विपक्षी ने भी उम्मीदवार उतारा है. महागठबंधन ने सीवान के विधायक अवध बिहारी चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद यह तय हो गया है कि विधानसभा अध्यक्ष को लेकर इस बार चुनाव होगा. राजद के विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को यहां कहा कि महागठबंधन की ओर से अवध बिहारी चौधरी ने स्पीकर पद के लिए नामांकन भर दिया है.


तेजस्वी ने किया जीत का दावा
उन्होंने चौधरी की जीत का दावा करते हुए कहा कि बिहार में विधानसभा में अध्यक्ष का पद अहम और जिम्मेदारी वाला पद होता है, जो पक्ष और विपक्ष को साथ लेकर चल सके, सबकी बातें सुने. इसके लिए अनुभव का होना बहुत जरूरी है. वहीं, एनडीए की तरफ से बीजेपी नेता विजय सिन्हा को स्पीकर का उम्मीदवार बनाया है.


'नीतीश कुमार गेस्ट CM'
अखिलेश सिंह ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बिहार में नवगठित सरकार पूरी तरह से अस्थिर है. यह सरकार तभी तक चलेगी जब तक पश्चिम बंगाल के चुनाव पूरे नहीं होते हैं. बंगाल चुनाव के खत्म होने के साथ ही भाजपा अपना सीएम थोपने का काम करेगी. अखिलेश सिंह के मुताबिक, बिहार में नीतीश कुमार अतिथि मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं.


NDA में BJP सबसे बड़ा दल
बता दें कि बिहार में बीजेपी इस बार एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बावजूद इसके बीजेपी ने नीतीश कुमार को सीएम बनाया है. ऐसे में विपक्ष का दावा है कि बीजेपी ज्यादा दिन नीतीश को सीएम नहीं बने रहने देंगी और कुछ दिनों बाद राज्य में अपना मुख्यमंत्री बनाएगी.


RJD बड़ी पार्टी
गौरतलब है कि बिहार चुनाव में एनडीए को 126 सीटों पर जीत हासिल हुई है. इसमें बीजेपी-74, जेडीयू 43, हम-वीआईपी को 4-4 और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं. वहीं, महागठबंधन को 110 सीट पर जीत मिली है. इसमें आरजेडी 75, कांग्रेस 19, वाम दल के 16 विधायक जीते हैं. जबकि एलजेपी-बीएसपी का 1 और एआईएमआईएम के 5 विधायक जीते हैं.