धान खरीरदारी में पिछड़ी बिहार सरकार, अब तक खरीदा गया सिर्फ 3 लाख मीट्रिक टन धान
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धान खरीरदारी में पिछड़ी बिहार सरकार, अब तक खरीदा गया सिर्फ 3 लाख मीट्रिक टन धान

फरवरी महीने तक मात्र तीन लाख मेट्रिक टन धान की ही खरीदारी हो पाई है. 45 हजार किसानों से 3.35 लाख टन धान की खरीदेगी. राज्य में पैक्स व व्यापार मंडलों के माध्यम से अब तक तीन लाख 35 हजार पांच सौ 82 मेट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है.

फरवरी महीने तक मात्र तीन लाख मेट्रिक टन धान की ही खरीदारी हो पाई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: बिहार सरकार धान खरीदारी में पिछड़ रही है. फरवरी महीने तक मात्र तीन लाख मीट्रिक टन धान की ही खरीदारी हो पाई है. 45 हजार किसानों से 3.35 लाख टन धान की खरीदेगी. राज्य में पैक्स व व्यापार मंडलों के माध्यम से अब तक तीन लाख 35 हजार पांच सौ 82 मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है. अब तक कुल 45 हजार 99 किसानों ने सरकार को अपना धान बेचा है.

सहकारिता विभाग की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल सबसे अधिक सुपौल में 4055 किसानों ने 27 हजार दो सौ 47 मीट्रिक टन, रोहतास में 2840 किसानों ने 29 हजार चार सौ 92 मीट्रिक टन, पटना में 2707 किसानों ने 19 हजार 69 मीट्रिक  टन, नालंदा में 2088 किसानों ने 10 हजार आठ सौ 93 मीट्रिक  टन, मधेपुरा में 1875 किसानों ने 12 हजार चार सौ 23 मीट्रिक  टन और गया में 2243 किसानों ने 16 हजार पांच सौ 57 मीट्रिक टन की बिक्री की है.

इस पूरे मामले पर राजनीतिक दलों ने भी अपना रिएक्शन दिया है. जेडीयू ने कहा है कि जो आंकड़े है वह आधिकारिक नहीं है. हालांकि, लक्ष्य तक पहुंचने की जरुर बात करते है. जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा है कि किसानों को उचित दाम मिले हैं. नीतीश कुमार ने यह काम शुरु किया है. लेकिन, यह आधिकारिक आंकड़े इससे ज्यादा है. राजीव रंजन ने उम्मीद जताई है कि तय समय तक तय लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा. अभी 31 मार्च में काफी वक्त है. पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा धान खरीदारी की गई

इधर धान की खरीददारी की धीमी गति पर धान खरीदारी पर आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने अपने बयान में कहा है कि बिहार सरकार धान खरीदारी में हर साल फेल रहती हैं. सरकार के पास कोई नीति नहीं है. नतीजा,नीति के अभाव में किसानों को मजबूरी में व्यापारियों के पास जाना पड़ता है. औने पौने दाम में उन्हें बेचना पड़ता है. फरवरी महीना आ चुका है और मात्र 3 लाख मैट्रिक टन की खरीदारी हुई है.

ऐसे में 30 लाख मैट्रिक टन की खरीदारी कैसे पूरी होगी. किसानों ने गुस्से में आकर के व्यापारियों के पास पहुंचते हैं. बेटी की शादी, बच्चे की पढ़ाई को लेकर के किसान अपना माल व्यापारियों के पास बेच देते है. किसानों का खस्ताहाल हाल है. विजय प्रकाश ने कहा कि सरकार के पास गो डाउन नहीं है. पैक्स के दुकान धान नहीं लेना चाहते हैं क्योकि पैक्सों के पास धान रखने की जगह नहीं है. यही नही किसानों को समय पर पैसा नहीं मिलता.

जबकि भारतीत जनता पार्टी पूरे मसले पर निश्चिंत दिखती है.भाजापा के एमएलसी नवल किशोर कहते है कि धान का अभी सीजन नहीं आया है. बारिश देर होने से धान का फसल देर से कटे.

खलिहान में धान की फसल देर से आई. यहीं नहीं मौसम का मिजाज थोड़ा ठीक नहीं रहा है. उन्होने कहा है कि बहुत चिंतनीय विषय नहीं है.समय पर टारगेट को पूरा किया जाएगा. वक्त के साथ सब ठीक हो जाएगा.