शिक्षा, रोजगार, मजदूर, उद्योग, निवेश के मामले में निचले पायदान पर है बिहार- भूपेश बघेल
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शिक्षा, रोजगार, मजदूर, उद्योग, निवेश के मामले में निचले पायदान पर है बिहार- भूपेश बघेल

उन्होंने कहा कि 15 सालों के हिसाब किताब लेने का समय आ गया है. शिक्षा, रोजगार, मजदूर, उद्योग और निवेश की बात करें तो बिहार पूरे हिंदुस्तान में सबसे निचले पायदान पर है.

शिक्षा, रोजगार, मजदूर, उद्योग, निवेश के मामले में निचले पायदान पर है बिहार- भूपेश बघेल.

पटना: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha election) को लेकर कांग्रेस की ओर से प्रचार अभियान में भाग लिया. इस दौरान भूपेश बघेल के प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के चुनाव प्रचार गीत को लॉन्च किया. 

उन्होंने कहा कि 15 सालों के हिसाब किताब लेने का समय आ गया है. शिक्षा, रोजगार, मजदूर, उद्योग और निवेश की बात करें तो बिहार पूरे हिंदुस्तान में सबसे निचले पायदान पर है.

भूपेश बघेल ने कहा कि बिहार में अब बदलाव का दौर है. किसान कुशासन बाबू से पूछ रहे हैं. नीतीश कुमार ने सारी मंडी खत्म कर दी. किसान कितने में अपने अनाज बेच रहे हैं. केंद्र सरकार उसी तरीके से काम कर रही है. किसानों के लिए ये कानून पूंजीपति के हित के लिए है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में दो चार लोगों के हाथ में सारा सामान चला जाएगा. कुछ साल पहले दाल की कीमत 2 सौ तक चली गयी थी. इसी का नतीजा था. ये कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग की बात कर रहे हैं, किसान को खेत का मजदूर बनाना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि पीएम को झटका देने में मजा आता है. पहला झटका नोटबंदी का था, दूसरा जीएसटी और तीसरा झटका लॉकडाउन का झटका दिया. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर किसानों, व्यापारियों और मजदूरों पर पड़ा. छत्तीसगढ़ में हमने मजदूरों के जाने की व्यवस्था की. उनके कपड़े की व्यवस्था की, लेकिन बिहार सरकार ने क्या किया.

भूपेश बघेल ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ के लोगों से जो वादा किया वो निभाया. 19 लाख किसानों के ऋण माफ किए गए. 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीद की. इस बार 85 हजार मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है.

छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि बिहार की जनता से अपील है जो काम छत्तीसगढ़ में हुआ है उसे बिहार में भी हम शत प्रतिशत लागू करेंगे. पूरे देश मे महगाई है, मंदी की मार है. छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जहां इनका असर नहीं हुआ.