बिहार के श्रम मंत्री की किरकिरी, सदन में नहीं बता सके NCVT का फुल फॉर्म
बिहार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा की गुरुवार को बिहार विधान परिषद में जमकर किरकिरी हुई. अपने ही दल के एमएलसी नवल किशोर यादव के सवाल में घिरे.
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पटनाः बिहार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा की गुरुवार को बिहार विधान परिषद में जमकर किरकिरी हुई. अपने ही दल के एमएलसी नवल किशोर यादव के सवाल में घिरे मंत्रीजी एनसीवीटी ( नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग) का फुल फॉर्म तक नहीं बता सके. पास में बैठे मंत्री ने विजय कुमार सिन्हा की कुछ मदद भी की, लेकिन वो अपने विभाग से संबंधित एनसीवीटी का फुल फॉर्म पर ही अटके रहे. उनके पास कोई जवाब नहीं था.
दरअसल, भाजपा के एमएलसी और प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने आईटीआई कॉलेजों की होनेवाली परीक्षा से संबंधित सवाल पूछा था, जिसका जवाब श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दिया. उन्होंने कहा कि आईटीआई की परीक्षा को इसलिए रद्द कर दिया गया, क्योंकि उसमें कदाचार (नकल) की शिकायत मिली थी. इस पर नवल किशोर यादव ने मंत्री से पूरक सवाल किया कि किन कॉलेजों में कदाचार की रिपोर्ट आयी थी, उन सेंटर्स के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई हुई है. कदाचार के आरोपी केंद्रों और उनके व्यवस्थापकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है, तो क्यों?
पूरक सवाल के जवाब में श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि पर्चा लीक होने की शिकायत मिली थी, इस वजह से परीक्षा को रद्द किया गया है. इस उत्तर को सुनते ही एमएलसी नवल किशोर यादव ने दूसरा पूरक सवाल किया और कहा कि मंत्री जी आप हमको घुमाने की कोशिश मत करिये. कदाचार और प्रश्न पत्र का लीक होना, दोनों अलग-अलग बातें हैं. इसके बारे में आप स्पष्ट रूप से बताइये, ताकि सदन के जरिये पूरे प्रदेश को परीक्षा रद्द होने की वजह पता चल सके. अगर कचादार नहीं हुआ और पेपर लीक हुआ है, तो कहां से पेपर लीक हुआ, क्योंकि ये तो विभाग के स्तर का मामला है और इसके लिए सीधा व्यवस्था देखनेवाले जिम्मेदार हैं. आप बतायें कि पेपर लीक के मामले में क्या कार्रवाई सरकार की ओर से की गयी है?
एमएलसी के इस सवाल के जवाब में मंत्री जी एनसीवीटी के नियमों का हवाला देने लगे और कहने लगे कि उसके नार्म के आधार पर परीक्षा सपन्न करायी जाती है. मंत्री जी के इस जवाब से भी नवल किशोर यादव संतुष्ट नहीं हुये और उन्होंने सवाल किया कि कितने बच्चों का रिजल्ट निकला है और कितने बच्चों का रिजल्ट पेंडिंग हैं. इस सवाल का जवाब भी मंत्री जी की ओर से संतोष जनक रूप से नहीं दिया जा सका और एनसीवीटी के नियमों की बात कही जाने लगी, तो एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि मंत्री जी बार-बार एनसीवीटी की दुहाई दे रहे हैं. वो एनसीवीटी का फुल फॉर्म ही बता दें.
इस पर विधान परिषद के कार्यकारी चेयरमैन हारुन रशीद ने भी कहा कि मंत्री जी एनसीवीटी का फुल फॉर्म बता दीजिये. उनके ओर से फुल फॉर्म बताये जाने की बात कही गयी, तो मंत्री जी चुप हो गये और इधर-उधर देखने लगे. बगल के मंत्री के हिंट देने पर ही केवल ये कह सके कि नेशनल करके कुछ फुल फॉर्म होता है. जब ये वाक्या विधान परिषद में हुआ, उस दौरान डिप्टी सीएम सुशील मोदी सदन में मौजूद थे और पूरे घटनाक्रम को चुपचाप से सुन रहे थे. उन्होंने सदन में किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी.
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