मुंगेर में मिले AK-47 के तार म्यंमार से जुड़े, होती थी ग्लॉक और ब्रेटा पिस्टल की डील
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मुंगेर में मिले AK-47 के तार म्यंमार से जुड़े, होती थी ग्लॉक और ब्रेटा पिस्टल की डील

पुलिस के खुलास के मुताबिक, साल 2007 से ही एके-47, एके-56, ग्लॉक और ब्रेटा पिस्टल का करोबार चल रहा था.

मुंगेर एके-47 तस्करी का मामला म्यंमार से जुड़ रहा है.

मुंगेरः बिहार के मुंगेर जिले से मिले 20 एके-47 अत्याधुनिक हथियार के तार अब देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी जुड़ रहे हैं. ताजा खुलासे के अनुसार इस मामले का तार अब म्यंमार से जुड़ रहा है. मुंगेर में पिछले दो माह से एके-47 को लेकर जांच चल रही है. जांच का दायरा अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए तक पहुंच गया है. जांच में एक और तस्कर की गिरफ्तारी हुई है.

पुलिस के खुलास के मुताबिक, साल 2007 से ही एके-47, एके-56, ग्लॉक और ब्रेटा पिस्टल का करोबार चल रहा था. पुलिस ने इस मामले में झारखंड के देवघर जिला के देवीपुर गांव से गिरफ्तार तस्कर ने जो खुलासा किया है. उससे पुलिस भी सकते में है.

खुलासा किया गया है कि गिरफ्तार तस्कर झारखंड के देवघर जिला के देवीपुर गांव के एक स्थानीय नेता की मदद से टीपीसी संगठन को अवैध हतियार और कारतूस सप्लाई करता था. मामले में अनुसंधान कर रही मुंगेर पुलिस ने मो. मंजर आलम उर्फ मंजी खा से पूछताछ के आधार पर मुंगेर पुलिस ने हवेली खड़गपुर प्रखंड के मुढ़ेरी पंचायत के मुखिया कुंदन मंडल एवं गया जिले के बेलागंज थाना क्षेत्र के वंशीविगहा गांव निवासी दीपू साह को पुलिस ने हिरासत में लिया.

पुलिस ने दोनों को एक साथ ही हिरासत में लिया था. पूछताछ में जब दोनों तस्करों ने म्यांमार से मुंगेर तक के हथियारों का सफर बताया तो पुलिस सन्न रह गई. मुंगेर एसपी ने बताया कि एके-47 मामले में पटना से गिरफ्तार मो. मंजर आलम उर्फ मंजी ने बताया कि उसका संबंध मुढ़ेरी पंचयात के मुखिया कुंदन मंडल से है. जिसे उसने एक बार 5000 हजार इंसास का कारतूस दिया था. जबकि वह बराबर मुझसे पिस्टल लेकर तस्करी करता था. 

पुलिस को पता चला कि कुंदन अपने कुछ साथियों के साथ असरगंज में है. जहां से उसे पुलिस ने हिरासत में लिया. लेकिन पूछताछ के बाद चालक सहित तीन को छोड़ दिया गया. लेकिन कुंदन व दीपू को गिरफ्तार कर लिया. क्योंकि दोनों ने वर्ष 2007 से ही हथियारों के तस्करी कारोबार से जुड़े होने की बात स्वीकार की थी. इतना ही नहीं कई रहस्यों का भी उजागर किया और अपनी संलिप्ता को भी स्वीकार किया.

एसपी ने बताया कि दोनों तस्करों ने स्वीकार किया कि उनलोगों ने अब तक दर्जनों बार पिस्टल मुंगेर से ले जाकर दीमापुर में पंचम को पहुंचाया था. जबकि वहां से 6 ब्रेटा पिस्टल, 4 ग्लॉक पिस्टल, 5 एके-47, 1 एके-56 एवं 3 कारबाइन लाने की बात स्वीकार किया है. तस्करों ने बताया कि ब्रेटा एवं ग्लॉक पिस्टल 2.60 लाख में वे लोग खरीदते थे.