Bihar: मृत डॉक्टर को अस्पताल में मिली नियुक्ति, विपक्ष ने विधानसभा में काटा बवाल
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Bihar: मृत डॉक्टर को अस्पताल में मिली नियुक्ति, विपक्ष ने विधानसभा में काटा बवाल

Bihar Samachar: विजय सम्राट ने कहा, 'स्वास्थ्य विभाग का कारनामा पहले भी होता था अब डॉक्टर राम नारायण राम का प्रमोशन करते हुए सिविल सर्जन बनाया गया है, जिनकी मृत्यु कोरोना काल में ही हो गई है.'

 

बिहार विधानसभा में उठा मृतक डॉक्टर का मुद्दा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग ने रोहतास जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिक्रमगंज में तैनात पीएचसी प्रभारी राम नारायण राम के निधन के बावजूद उन्हें शेखपुरा का सिविल सर्जन बनाया दिया है. जानकारी के अनुसार, राम नारायण राम का निधन पिछले महीने 7 फरवरी 2021 को लंबी बीमारी के बाद उनके पैतृक गांव भोजपुर जिला के चंदवा में हो गया था. जिसके बाद 8 फरवरी को बिक्रमगंज पीएससी में स्वास्थ्य कर्मियों ने उनके लिए शोक सभा भी की थी. लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई और बीमारी के कारण निधन होने के बावजूद डॉ. राम नारायण राम को शेखपुरा का सिविल सर्जन बनाने के लिए पत्र निर्गत कर दिया गया.

इस मामले के उजागर होने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. इस संबंध में बिक्रमगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के वर्तमान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि उनका निधन 7 फरवरी को ही हो गया था, जिसकी सूचना विभाग को दी गई थी. इसके बाद उनकी स्थापना हुई है. इधर, मामला प्रकाश में आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया. इस मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में सरकार को जमकर घेरा.

इस मुद्दे पर आरजेडी के शेखपुरा से विधायक विजय सम्राट ने कहा, 'स्वास्थ्य विभाग का कारनामा पहले भी होता था अब डॉक्टर राम नारायण राम का प्रमोशन करते हुए सिविल सर्जन बनाया गया है, जिनकी मृत्यु कोरोना काल में ही हो गई है.' JDU के MLC खालिद अनवर ने कहा, 'इस तरह की मानवीय भूल हुई है तो इसको करने वाले लोगों के खिलाफ करवाई होनी चाहिए. वो लोग देखभाल किए बिना ऐसे काम क्यो करते हैं. सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी.

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वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सजंय मयूख ने कहा कि बिहार में सुशासन की सरकार है. हम ईमानदारी से सेवा भाव से लगे हुए हैं. मीडिया के द्वारा यह विषय संज्ञान में आया है तो जो भी अधिकारी इसके लिए दोषी हैं उनपर कार्रवाई होगी. सरकार कोई ढिलाई बरतने वाली नहीं है.  इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है.' जबकि कांग्रेस के विधायक अजित शर्मा ने कहा, 'मुख्यमंत्री को सोचना होगा. बीजेपी के साथ जब से सरकार में हैं, लगता है दबाव में काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग जो कारनामें कर रहा है उनको सोचना चाहिए कि ऐसी हरकत क्यों हो रही है.'

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इस पूरे मामले पर बीजेपी नेता और बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है, 'डॉक्टर का तबादला पहले ही हो गया था और उनकी मृत्यु हाल में हुई है. जो जानकारी वरिष्ठ पदाधिकारी के द्वारा विभाग को मिलनी चाहिए थी वह जानकारी उन पदधिकारियों के द्वारा नहीं दी गई. जो पदाधिकारी दोषी हैं उन्हें नोटिस भेजा गया है और तत्काल में दूसरे पदाधिकारी को सिविल सर्जन की जगह पर प्रभार दिया गया है.'