Patna: आ रही है फिर से मुश्किल वाली घड़ी, ऐसे में लोग कह रहे हैं साथी हाथ बढ़ाना हाथ
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Patna: आ रही है फिर से मुश्किल वाली घड़ी, ऐसे में लोग कह रहे हैं साथी हाथ बढ़ाना हाथ

Bihar Corona News: बढ़ते कोरोना और लॉकडाउन की संभावना को देखते हुए सोशल वर्कर को अभी से तैयारी में जुट गये हैं. ये सोशल वर्कर अनाज से लेकर ब्लड तक की व्यवस्था करने में जुट गए हैं.

लॉकडाउन के आशंका के बीच आगे आ रहे सोशल वर्कर.

Patna: बिहार में बढ़ते कोरोना के बावजूद भी लॉकडाउन को लेकर सरकारी स्तर पर कोई फैसला नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार, 18 अप्रैल सूबे के मुख्यमंत्री नितीश कुमार अधिकारियों के साथ बैठक कर  इस मामले पर फैसला लेंगे. लेकिन बढ़ते कोरोना और लॉकडाउन की संभावना को देखते हुए सोशल वर्कर को अभी से तैयारी में जुट गये हैं. ये सोशल वर्कर अनाज से लेकर ब्लड तक की व्यवस्था करने में जुट गए हैं.

जानकारी के अनुसार,कोरोना के बढते संक्रमण के बीच लॉकडाउन संभावना तेज हो गयी है. वहीं, कला संस्कृति युवा विभाग ने राज्य के सभी जिम स्पोर्टस कॉम्पलेक्स स्वीमिंग पुल को 16 मई तक बंद करने का निर्देश जारी कर दिया है. ऐसे में संभावना ये जतायी जा रही है कि 18 तारीख को अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सीएम नीतीश भी कोई बडा फैसला ले सकते हैं. इधर, सोशल वर्क करनेवाले लोग लॉकडाउन की संभावना को देखते हुए सक्रीय हो गए हैं.

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वहीं, पटना के राजीव नगर में रहनेवाले विशाल सिंह लॉकडाउन को देखते हुए अपने सहयोगियो के साथ अनाज के पैकेट तैयार करने में लगे हैं. वो अनाज की पैकेट में चावल, दाल, सत्तू, तेल दिये जा रहे हैं. इधर, सोशल वर्कर विशाल सिंह कहते हैं कि पिछले साल भी उन्होंने लॉकडाउन के बीच सैंकडों लोगों को भोजना कराया था. लॉकडाउन के वक्त गरीब लोगों के सामने सबसे ज्यादा बडी समस्या भोजन की ही होती है. ऐसे में हमलोगों की कोशिश है कि इस बार भी ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जाए.

इधर, एक से डेढ महीने तक फुटपाथ पर गरीब लोगों के खाने की व्यवस्था विशाल सिंह और उनके सहयोगियों की ओर से की जा रही है. वहीं, पटना के मुकेश हिसारिया थैलेसीमिया पीडित बच्चों को ब्लड उपलब्ध कराते हैं. बता दें कि थैलेसीमिया बच्चों को हर 15 दिन में ब्लड की आवश्यकता होती है. इसलिए लॉकडाउन में ब्लड की किल्लत को देखते हुए मुकेश ब्लड की व्यवस्था में जुट गये हैं. मुकेश हिसारिया कहते हैं कि थैलेसीमिया पीडित बच्चों के बाद हमारी प्राथमिकता एचआईवी पीडित और उसके बाद कोरोना संक्रमित लोगों को ब्लड मुहैया कराना है. 

 

बता दें कि पिछली बार लॉकडाउन में सरकार के अलावा सोशल वर्करों ने भी जरुरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाने में अपनी बडी भूमिका निभाई थी. ऐसे में वक्त आ गया है कि जब सबको हाथ से हाथ मिलाकर कोरोना को हराने के लिए फिर से तैयार होना होगा.