एडीजी पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि बीते 27 तारीख को पूरे बिहार में 1067 कुर्की की गयी थीं. जबकि तीन फरवरी को 1029 कार्रवाई की गई है.
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पटना : चुनाव आयोग के निर्देश के बाद बिहार पुलिस ने फरार अपराधियों की कुर्की-जब्ती बड़े पैमाने पर शुरु कर दी है. बीते दो दिनों में विशेष अभियान चलाकर दो हजार से ज्यादा मामलों में कार्रवाई की गई है. पुलिस मुख्यालय ने सभी थानाध्यक्ष और थाना प्रभारियों को गंभीर आपराधिक मामलों में अविलंब कुर्की-जब्ती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
बीते तीन तारीख को राहुल गांधी पटना के गांधी मैदान में भाषण दे रहे थे और बिहार पुलिस अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कुर्की-जब्ती कर रही थी. पूरे प्रदेश में 1029 कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की गई. यह महज खानापूर्ति नहीं, बल्कि आर्थिक कमर तोड़ देने वाली थी. एडीजी मुख्यालय ने बाताया है कि बीते दो दिनों में लगातार बड़ी कार्रवाई की गई हैं. मार्च तक इसकी संख्या 10 हजार के पार होगी.
एडीजी पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि बीते 27 तारीख को पूरे बिहार में 1067 कुर्की की गयी थीं. जबकि तीन फरवरी को 1029 कार्रवाई की गई है. तीन फरवरी को जो कार्रवाई की गई है उसमें हत्या के 20, डकैती और लूट के सात-सात, अपहरण के तीन और अन्य 992 मामले शामिल थे.
एडीजी मुख्यालय ने बताया कि कुर्की-जब्ती की सबसे ज्यादा कार्रवाई मुजफ्फरपुर में हुई. वहीं, नालंदा में 61, दरभंगा में 60, भागलपुर में 60, बेगुसराय मे 58 और पटना में 20 मामलों में कुर्की की गयी. 111 अपराधियों ने सरेंडर किया. गया में सबसे ज्यादा 40 लोगों ने आत्मसमर्पण किया. एडीजी मुख्यालय ने बताया कि जिले के सभी डीएसपी और एसपी को निर्देश दिया गया है कि गंभीर आपराधिक मामलों में वो छापेमारी का नेतृत्व करेंगे. साथ ही सभी थानाध्यक्ष या प्रभारी गंभीर मामलों में कुर्की-जब्ती सुनिश्चित करेंगे.
सोमवार को महागठबंधन के बिहार बंद के दौरान भी कई गिरफ्तारियां की गईं. पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार बंद में कुल 238 लोगों को हिरासत में लिया गया.