Patna: पूर्व केंद्रीय मंत्री और RLSP चीफ उपेंद्र कुशवाहा जल्द ही नीतीश कुमार के साथ आ सकते हैं. जानकारी के अनुसार, आरएलएसपी का जेडीयू में होली के पहले विलय हो सकता है. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अगुआई वाली जेडीयू खुद को मजबूत करने की कोशिश में लगातार जुटी है. इसी क्रम में जेडीयू 'लव-कुश' समीकरण को साधने के हर संभव प्रयास में है.


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सूत्रों के अनुसार, जेडीयू उपेंद्र कुशवाहा को साथ लाकर उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसके साथ ही जेडीयू की निगाह कुशवाहा वोट पर भी है. क्योंकि राज्य में सात फीसदी कुशवाहा वोट है और बीते बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू से यह वोट काफी हद तक खिसक गया था. ऐसे में जेडीयू उपेंद्र कुशवााह को साथ लाकर एक बार अपने आप को मजबूत करने में जुटी है. इधर, जैसे ही यह खबर मीडिया की सुर्खियों बनी, वैसे ही बिहार में सियासत भी गर्मा गई.


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बीजेपी सांसद रामकृपा यादव ने स्वागत करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के आने से एनडीए और मजबूत होगा. वहीं, RLSP के जदयू में विलय पर आरएलएसपी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनन्द ने कहा कि राष्ट्रीय, प्रदेश और जिला कार्यकारिणी की बैठक के बाद ही कोई निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे. पार्टी में कोई भी फैसला कार्यकर्ताओं की राय से ही होता है. बीजेपी नेता प्रेमरंजन पटेल ने कहा, 'सभी राजनीतिक दल को अपना दायरा बढ़ाने का अधिकार है.  आरएलएसपी पहले भी जदयू का हिस्सा रह चुकी है. जदयू हमारा पुराना सहयोगी है, जदयू की मजबूती से बीजेपी को भी फायदा होगा.'


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कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने कहा, 'राजनीतिक वजूद बचाने के लिए उपेंद्र कुशवाहा RLSP का विलय कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार को राजनीतिक वजूद बचाने के लिए एकसाथ आना जरूरी है. जबति RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, '3 नंबर की पार्टी खुद को मजबूत करने के लिए जोड़तोड़ में लगी हुई है. उपेंद्र कुशवाहा के जदयू में आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.' इधर, JDU प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, ' उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार की राजनीतिक विचारधारा से ही निकले हैं. बिहार को जंगलराज से मुक्ति दिलाने में दोनों नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है.'