'अटल जी की अस्थियों के सहारे 2019 की वैतरणी पार करना चाहती है BJP'- शिवानंद तिवारी
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'अटल जी की अस्थियों के सहारे 2019 की वैतरणी पार करना चाहती है BJP'- शिवानंद तिवारी

बीजेपी के द्वारा पूरे देश में अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा निकालने के बाद अब इस पर सियासत तेज हो गई है. 

शिवानंद तिवारी ने बीजेपी के अस्थि कलश यात्रा पर निशाना साधा है.

पटनाः बीजेपी के द्वारा पूरे देश में अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा निकालने के बाद अब इस पर सियासत तेज हो गई है. विपक्ष इस मामले में बीजेपी पर लगातार निशाना साध रही है. विपक्ष का आरोप है कि अटल जी की अस्थि कलश यात्रा कर वह जनता को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है. लेकिन उनकी यह मंशा पूरी नहीं होगी.

इस मामले में आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बीजेपी पर कड़ा हमला बोला है. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'बीजेपी अपने कर्मों के आधार पर नहीं बल्कि अटल जी की अस्थियों के सहारे 2019 की वैतरणी पार करना चाहती है.' उन्होंने कहा कि बीजेपी इसे भनाना चाहती है.

शिवानंद तिवारी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने 15 अगस्त के भाषण में पहली बार अटल जी का नाम लिया. जब उन्हें अटल जी तबियत के बारे में पता चल गया तो उन्होंने उनका नाम लिया. लेकिन इससे पहले 5 सालों में कभी भी अटल जी और उनके परिवार के बारे में चर्चा तक नहीं की. लेकिन अब अटल जी के लिए उनके मन में श्रद्धा पनप गया है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में उनकी अंतिम यात्रा में जब लोगों की भीड़ उमड़ी तो बीजेपी को यह आइडिया आया कि पूरे देश में उनकी अस्थि कलश यात्रा कर इसे भुनाया जा सकता है. जबकि अटल जी की ऐसी कोई वसियत सामने नहीं आयी है या किसी को पता है जिसमें अस्थि कलश यात्रा और सभी नदियों में अस्थियों को प्रवाहित करने की बात कही गई है.

शिवानंद तिवारी ने कहा जवाहरलाल नेहरू के वसियत में लिखा और उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाए और खेतों में बिखेरे जाएं. लेकिन अटल जी की ऐसी कोई इच्छा के बारे में किसी को भी पता नहीं है. बीजेपी अटल जी के निधन के बाद अस्थियों को लेकर तमाशा कर रही है. नेता उनके अस्थियों को लेकर गली-गली घुम रहें हैं और फोटो खिंचवा रहे हैं. यह पूरी तरह हास्यप्रद है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी को एहसास हो चुका है कि 2014 की रंग अब फीकी पड़ने लगी है. उन्होंने 4 सालों में कुछ ऐसा नहीं किया जिससे वह जीतने की क्षमता रखते हैं. बीजेपी समेत नरेंद्र मोदी और अमित शाह में आत्मविश्वास की कमी है. उनका आत्मविश्वास अब डगमगा गया है. उनके पास अपनी कोई पूंजी नहीं है इसलिए वह अटल जी को बेचने का काम कर रही है.