आरएलएसपी के अरुण गुट द्वारा अलग पार्टी ऐलान किया जाएगा. चुनाव आयोग ने आरएलएसपी के अरुण गुट को मान्यता दे दी है.
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पटनाः लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव को लकर तैयारियां शुरु हो चुकी है. बिहार की राजनीतिक पार्टियों में चुनाव को लेकर पहले से ही खलबली मची है. लोकसभा चुनाव होने में एक वर्ष से भी कम समय बचें हैं. इस लिहाज से बिहार की राजनीतिक पार्टियां और राजनेता अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लगे हैं.
चुनाव से पहले बिहार में एक बड़ा उलटफेर होने वाला है. क्यों कि, जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार बिहार की राजनीति में धमाका करने वाले हैं. आरएलएसपी में पहले से ही अरुण कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच घमासान मचा था. दोनों की तकरार जग जाहिर है.
अब आरएलएसपी के अरुण गुट द्वारा अलग पार्टी ऐलान किया जाएगा. चुनाव आयोग ने आरएलएसपी के अरुण गुट को मान्यता दे दी है. साथ ही उनके पार्टी का चुनाव चिन्ह भी तय कर दिया है. हालांकि पार्टी के नाम का ऐलान नहीं किया गया है. चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह 'टैक्टर' दिया है.
बताया जा रहा है कि अरुण गुट के पार्टी का नाम 'राष्ट्रीय लोक समता पार्टी सेक्यूलर' होगा. हालांकि पार्टी के नाम का ऐलान अक्टूबर में किया जाएगा. वहीं, सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक पटना में 28 जून को एक कार्यक्रम जिसमें पार्टी के गठन का औपचारिक ऐलान किया जाएगा. अक्टूबर में पार्टी एक बड़ी रैली का आयोजन करेगी जिसमें पार्टी के नाम की घोषणा की जाएगी.
2014 के लोकसभा चुनाव में आरएलएसपी पहली बार बीजेपी के साथ तीन सीटों पर चुनाव जीती थी. जिसमें उपेंद्रे कुशवाहा, अरुण कुमार और रामकुमार वर्मा शामिल थे. उपेंद्र कुशवाहा आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और पार्टी से उन्हें ही केंद्रीय मंत्री का तोहफा मिला था. बाद में अरुण कुमार के साथ उपेंद्र कुशवाहा की अनबन शुरु हो गई और आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा गुट ने अरुण कुमार को पार्टी से निलंबित कर दिया.
आरएलएसपी पार्टी पर दावे को लेकर चुनाव आयोग में मामला लंबित है. जबकि अरुण कुमार ने नई पार्टी बनाकर एक विकल्प निकाला है. अरुण कुमार एनडीए में रहकर खुद को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.