क्या सच में लालू परिवार में छिड़ चुका है संघर्ष? दिखी फिर झलक!
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क्या सच में लालू परिवार में छिड़ चुका है संघर्ष? दिखी फिर झलक!

संघर्ष की चर्चा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के घर के अंदर से आ रही है. 

लालू परिवार में संघर्ष की चर्चा से सियासत गरम. (फाइल फोटो)

पटनाः देश में कई ऐसे राजनीतिक परिवार हैं, जहां सत्ता की राजनीति का असर उनके खुद के पारिवारिक संबंधों पर पड़ने लगते हैं. इसका सबसे उदाहरण बड़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह का है. मुलायम सिंह के घर के अंदर पारिवारिक कलह किसी से अब छिपा नहीं है. मुलायमस सिंह के घर के अंदर जो संघर्ष चल रहा है. उसमें सबसे अधिक राजनीतिक असर देखने को मिला है. अब ऐसे ही संघर्ष की चर्चा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के घर के अंदर से आ रही है. हालांकि इस बारे में कभी किसी परिवार के द्वारा कुछ नहीं कहा गया है लेकिन समय-समय पर इसकी झलक देखने को मिल ही जाती है. कुछ मुद्दों और कुछ आयोजनों पर भी इसकी छलक देखने को मिल जाती है.

ऐसी झलक फिर से लालू परिवार में फिर से देखने को मिला है. हालांकि इससे भी आरजेडी इनकार कर रहे हैं. लेकिन बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गरम है. दरअसल बीते बुधवार (12 सितंबर) को आरजेडी की महत्वपूर्व बैठक हुई थी. चुनाव से पहले इस बैठक को काफी अहम माना गया है. क्यों कि महागठबंधन को लेकर कई फैसले लेने हैं.

वहीं, बिहार की वर्तमान राजनीति में कई मुद्दों पर हवा कुछ अलग ही बह रही है. जिसमें आरक्षण का मुद्दा सबसे अहम है. साथ ही महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भी आरजेडी की बैठक काफी महत्वपूर्ण थी. ऐसा इसलिए की आरजेडी की इस बैठक में सभी तेजस्वी यादव के साथ सभी सीनियर नेता शामिल हुए थे. इसमें शिवानंद तिवारी, रघुवंश प्रसाद, जगदानंद सिंह जैसे नेता शामिल हुए थे.

वहीं, लालू परिवार से भी तेजस्वी यादव के आलावा राबड़ी देवी और मीसा भारती भी बैठक में शामिल हुए थे. बताया जाता है कि तेजस्वी यादव इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. लेकिन सबसे अहम बात यह थी कि राबड़ी देवी और मीसा भारती शामिल तो हुए थे लेकिन लालू यादव के बड़े बटे तेज प्रताप यादव इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

बताया जाता है कि तेज प्रताप यादव बैठक के दिन पटना में ही थे. और शायद उस वक्त भी वह घर पर ही थे लेकिन वह आरजेडी की इस अहम बैठक में शामिल नहीं हुए. इस खबर के आने के बाद से आरजेडी समेत बिहार के सियासी गलियारों में लालू परिवार में खटपट की चर्चा सामने आने लगी है.

आपको बता दें कि लालू परिवार के अंदर आपसी संघर्ष की बात काफी समय से उठी हुई है. तेज प्रताप यादव ने कई बार सार्वजनिक रूप से आरजेडी नेताओं पर ही निशाना साधा है. उन्होंने यह भी कहा था कि आरजेडी में उनकी ही बात नहीं सुनी जा रही है. तेज प्रताप ने पार्टी के प्रति अपना गुस्सा सोशल मीडिया पर भी निकाल चुके हैं. यहां तक की उन्होंने राजनीति को त्यागने तक की बात कर दी थी.

हालांकि सोशल मीडिया पोस्ट के बाद तेज प्रताप ने कहा था कि उनके ट्विटर को हैक कर लिया गया था. और बीजेपी वालों ने हैक करवाकर ट्विट पोस्ट किया गया है. उन्होंने खुद ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है.

हालांकि कि इसके बाद अपने गुस्से पर लिपापोती की गई और तेज प्रताप ने तेजस्वी को मीडिया के सामने अर्जुन बताया और खुद को कृष्ण बताकर अर्जुन का सारथी कह भाई प्रेम को जाहिर करने लगे.

तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के सीनियर नेताओं के खिलाफ भी बोल चुके हैं. ऐसे में हाल ही में आरजेडी की अहम बैठक में तेज प्रताप यादव का शामिल नहीं होना. पारिवारिक संघर्ष की झलक एक बार फिर से दिख रहा है. 

वहीं, चर्चाओं के दौर में बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने भी तंज कसते हुए कहा है कि 'आरजेडी परिवार में महाभारत छिड़ चुका है'. उन्होंने कहा कि 'तेज प्रताप घर पर रहते हुए भी आरजेडी की बैठक में यहां तक की भारत बंद में भी शामिल नहीं हुए. यह पारिवारिक संघर्ष जल्द ही गुल खिलाने वाला है.'

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